Edited By Subhash Kapoor,Updated: 14 Jun, 2025 08:18 PM

पंजाब सरकार द्वारा मक्का पायलट प्रोजेक्ट के तहत फसली विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए जिला संगरूर में खरीफ मक्का की बुवाई करने के लिए किसानों को लगातार प्रेरित किया जा रहा है। इसी कड़ी के तहत डिप्टी कमिश्नर संगरूर संदीप ऋषि ने ब्लॉक संगरूर के गांव...
संगरूर (विवेक सिंधवानी): पंजाब सरकार द्वारा मक्का पायलट प्रोजेक्ट के तहत फसली विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए जिला संगरूर में खरीफ मक्का की बुवाई करने के लिए किसानों को लगातार प्रेरित किया जा रहा है। इसी कड़ी के तहत डिप्टी कमिश्नर संगरूर संदीप ऋषि ने ब्लॉक संगरूर के गांव लोहाखेड़ा खेतों का विशेष दौरा किया, जहां 5 एकड़ रकबे में खरीफ मक्का की बुवाई हो रही हैं।
डिप्टी कमिश्नर ने इस दौरे के दौरान अन्य किसानों को भी खरीफ मक्का की बुवाई करने के लिए प्रेरित किया। संदीप ऋषि ने किसानों को बताया कि सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, जो किसान खरीफ मक्का की बुवाई करते हैं, उन्हें सरकार द्वारा 17500 रुपये प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता दी जानी है। इसके साथ ही, सरकार द्वारा मक्का की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2400 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। उन्होंने समझाया कि मक्का की फसल किसानों को धान-गेहूं के फसली चक्र से बाहर निकाल सकती है और यह भूजल को बचाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। यह पहल न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक होगी।
इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. धर्मिंदरजीत सिंह सिद्धू ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा किसानों के साथ लगातार संपर्क स्थापित करके उन्हें अधिक से अधिक मक्का बोने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने खरीफ मक्का की बुवाई के लिए कम समय लेने वाली किस्मों के चयन, खरपतवारों से बचाव और खाद के सही उपयोग संबंधी विस्तृत जानकारी दी। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसानों को मक्का की खेती के लिए सभी आवश्यक तकनीकी सहायता और जानकारी उपलब्ध हो। किसानों को बताया कि इथेनॉल फैक्ट्रियों में मक्का की खपत लगातार बढ़ रही है, जिसके कारण किसानों को अच्छा मुनाफा प्राप्त हो सकता है। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि मक्का की फसल के विपणन (मार्केटिंग) में कोई समस्या नहीं आएगी, जिससे किसानों को अपनी उपज बेचने में आसानी होगी। यह मक्का की खेती को किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है।
