Edited By Vatika,Updated: 16 Sep, 2020 09:01 AM
कोरोना की आड़ में किसान मारू ऑर्डीनैंसों को मढऩे पर तुली केंद्रीय भाजपा-अकाली सरकार और चुनावी वायदों से भागी पंजाब सरकार के विरुद्ध पंजाब के किसानों में उबाल है।
नई दिल्ली/ चंडीगढ़/पटियाला/ श्री मुक्तसर साहिब (एजैंसियां, रमनजीत, जोसन तनेजा, जुनेजा): कोरोना की आड़ में किसान मारू ऑर्डीनैंसों को मढऩे पर तुली केंद्रीय भाजपा-अकाली सरकार और चुनावी वायदों से भागी पंजाब सरकार के विरुद्ध पंजाब के किसानों में उबाल है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के आह्वान पर हजारों किसानों व मजदूरों ने मुख्यमंत्री के शहर पटियाला के पुड्डा ग्राऊंड और बादल गांव में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की रिहायश के बाहर 20 सितम्बर तक पक्के मोर्चे लगा दिए। दोनों स्थानों पर भारी संख्या में महिलाएं और युवाओं समेत जरूरी राशन, कपड़े, टैंट और मास्क-सैनीटाइजरों वगैरह के पूरे प्रबंध कर हजारों की संख्या में किसानों-मजदूरों ने मांगों के हक में नारेबाजी के जरिए तीखा रोष जाहिर किया।
किसान गांव कालझरानी के निकट इकट्ठे हुए जिसके चलते पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए 2 स्थानों पर नाकाबंदी की थी, परंतु वे उन्हें फेल कर बादल परिवार की रिहायश तक धरना लगाने में सफल हो गए। अलग-अलग किसान जत्थेबंदियों ने राज्य के अलग-अलग सड़क मार्गों पर जोरदार प्रदर्शन किए जिसके चलते कई घंटे यातायात में विघ्न पड़ा। मुख्य तौर पर बङ्क्षठडा-पटियाला मार्ग, अमृतसर-जालंधर मार्ग, श्री हरगोङ्क्षबदपुर-टांडा मार्ग, कोटकपूरा-श्री मुक्तसर साहिब मार्ग पर किसानों के प्रदर्शनों के कारण यातायात प्रभावित हुआ। कई शहरी इलाकों में भी प्रदर्शनों की सूचना है। यूनियन के पूर्व सचिव शिंगारा सिंह व महिला किसान प्रवक्ता हरिंद्र ङ्क्षबदू ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल केंद्र सरकार में शामिल है व केंद्र द्वारा जारी किसान विरोधी आर्डीनैंस का समर्थक भी है। वहीं कांगे्रस ने भी राज्य में सत्ता में आने के बाद से कोई वायदा पूरा नहीं किया। इसलिए पटियाला व बादल दोनों जगहों पर 20 सितम्बर तक पक्का मोर्चा लगाया गया है।
वहीं लोकसभा ने आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है। आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने का प्रावधान करता है। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री राव साहेब दानवे ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से कृषि क्षेत्र में सम्पूर्ण आपूर्ति शृंखला को मजबूत बनाया जा सकेगा, किसान मजबूत होगा और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इसके बाद सदन ने कुछ विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी। केंद्र में सत्तारूढ़ राजग के घटक शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि इस कानून को लेकर पंजाब के किसानों, आढ़तियों और व्यापारियों के बीच बहुत शंकाएं हैं। सरकार को इस विधेयक और अध्यादेश को वापस लेना चाहिए।