हैरोइन तस्करी में हवेलियां जैसा बदनाम हो चुका है धनौआ कलां गांव, माह में पकड़े 4 ड्रोन व 7 किलो हेरोइन

Edited By Urmila,Updated: 01 May, 2023 12:22 PM

dhanoa kalan village has become infamous like havelis

भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे 153 किलोमीटर के अमृतसर के इलाके में वैसे तो सैकड़ों गांव आते हैं,

अमृतसर: भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे 153 किलोमीटर के अमृतसर के इलाके में वैसे तो सैकड़ों गांव आते हैं, लेकिन हैरोइन तस्करी के मामले में कुछ महीनों से धनौआ कलां गांव तस्करी का गढ़ कहे जाने वाले हवेलियां गांव से भी ज्यादा बदनाम हो गया है। इस मामले में सबसे बड़ी बात जो सामने आ रही है वो यह है कि न तो बी.एस.एफ. और न ही पुलिस सहित अन्य सुरक्षा एजैंसियों को इस गांव में सरगर्म हेरोइन तस्करों का अता पता नहीं चल सका है, जबकि इस गांव के इलाके में पिछले एक महीने के दौरान अलग-अलग मामलों में चार ड्रोन पकड़े जा चुके हैं और 7 किलो हैरोइन जब्त की जा चुकी है, लेकिन पाकिस्तान से हैरोइन मंगवाने वाले व ड्रोन उड़ाने वाले तस्कर कानून के शिकंजे से बाहर हैं, जबकि पुलिस की तरफ से दावा किया जाता है कि नशे की बिक्री व इसकी आमद पर काफी हद तक लगाम लगाई जा चुकी है। राज्य सरकार की एजेंसियों के साथ-साथ केन्द्रीय एजेंसियों को भी यह पता नहीं चल रहा है कि धनौआ कलां गांव के इलाके में कौन किसान वेशी तस्कर है जो देश के साथ गद्दारी कर रहा है।

बार्डर फैंसिंग से 200 फुट दूर है धनौआ गांव

धनौआ कलां गांव की बात करें तो ज्वाइट चैक पोस्ट अटारी के बिल्कुल नजदीक बार्डर फैंसिंग से दो सौ फुट दूरी पर इस गांव का इलाका शुरू हो जाता है, जिसके चलते ड्रोन को आसानी के साथ गांव के खेतों में उड़ाया जा सकता है और ड्रोन से खेप फैंकी जा सकती है। हाल ही में कुछ बड़े केसों में यह खुलासा हो चुका है कि हैरोइन तस्कर बिना आवाज वाले ड्रोन्स का प्रयोग कर रहे हैं और बड़े ड्रोन्स का भी प्रयोग करते हैं। ड्रोन को बार्डर फैंसिंग के तीन से चार किलोमीटर अन्दर तक उड़ा रहे हैं और बी.एस.एफ. को चकमा दे रहे हैं।

क्यों बदनाम है हवेलियां गांव

हवेलियां गांव की बात करें तो बी.एस.एफ. के अमृतसर सैक्टर व तरनतारन जिले के इलाके में स्थिय यह गांव हेरोइन तस्करी के लिए सबसे ज्यादा बदनाम है, क्योंकि इसी गांव में पंजाब के नामी तस्कर बलविन्दर सिंह उर्फ बिल्ला सरपंच, अब तक की सबसे बड़ी हेरोइन की खेप मंगवाने वाले रणजीत सिंह चीता व अन्य तस्कर रहते थे, जो अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन अमृतसर सैक्टर की बात करें तो मौजूदा समय में ड्रोन की सबसे ज्यादा मूवमैंट धनौआ कलां गांव के इलाके में हो रही है, लेकिन तस्कर गिरफ्त से बाहर हैं।

बार्डर पर नहीं लगाई जा रही एंटी ड्रोन तकनीक

बार्डर फैंसिंग के आस-पास एंटी ड्रोन तकनीक लगाने की मांग पिछले लंबे समय से उठ रही है। इस बाबत केन्द्र व राज्य सरकार के बड़े नेताओं की तरफ से ऐलान भी किया जा चुका है कि एंटी ड्रोन तकनीक पंजाब बार्डर पर लगाई जाएगी लेकिन अभी तक इस तकनीक को नहीं लगाया गया है, जिसके चलते तस्कर शरेआम ड्रोन उड़ाते हैं और हैरोइन व हथियारों की खेप मंगवाते हैं और बी.एस.एफ. को लगातार चकमा दे रहे हैं।

सीमावर्ती इलाकों में बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या

सीमावर्ती इलाकों में बेरोजगारी भी इस समय एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जिसके चलते नौजवान हेरोइन तस्करी में संलिप्त हो रहे हैं। इतना ही नहीं जब से आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर पाकिस्तान के साथ आयात-निर्यात बंद हुआ है, तब से हजारों की संख्या में कुल्ली व मजदूरी करने वाले लोग बेरोजगार हो चुके हैं, जिससे तस्करी की घटनाएं काफी ज्यादा बढ़ गई हैं।

ड्रोन व हैरोइन जब्त करने के अलग-अलग मामले

-4 अप्रैल के दिन एक किलो हैरोइन व एक ड्रोन धनौआ कलां के इलाके में पकड़ा गया।

-15 अप्रैल के दिन एक ड्रोन व 3 किलो हेरोइन पकड़ी गई।

-16 अप्रैल के दिन एक ड्रोन लावारिस पड़ा मिला।

-23 अप्रैल के दिन 2 किलो हेरोइन पकड़ी गई जिसको ड्रोन के जरिए फैंका गया था।

-27 अप्रैल के दिन के बिखरा हुआ ड्रोन व दो किलो हेरोइन व अफीम धनौआ कलां गांव के इलाके में पकड़ी गई।

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