Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 01:42 PM
एक तरफ जहां धुंध के कारण हो रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार तथा प्रशासन की ओर से राज्य वासियों को टै्रफिक नियमों की पालना करने का पाठ पढ़ाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ राज्य भर की सड़कों पर प्रशासन को कथित तौर पर आंखें दिखाते हुए बड़े वाहन...
मोगा (ग्रोवर): एक तरफ जहां धुंध के कारण हो रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार तथा प्रशासन की ओर से राज्य वासियों को टै्रफिक नियमों की पालना करने का पाठ पढ़ाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ राज्य भर की सड़कों पर प्रशासन को कथित तौर पर आंखें दिखाते हुए बड़े वाहन चालकों द्वारा अपने वाहनों को सरेआम ओवरलोड करके सड़कों पर चलाया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि राज्य भर की सड़कों पर लगे पुलिस नाकों के नजदीक से गुजरते इन वाहन चालकों की ओवरलोडिंग संबंधी अधिकारियों को सब कुछ पता होने के बावजूद अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है, जिस कारण ये ओवरलोड वाहन दिन में भी टै्रफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
जानकारी में यह तथ्य उभरकर सामने आया कि मंडियों में धान व अन्य वस्तुओं की ढोआ-ढुआई के लिए ट्रक तथा टै्रक्टर-ट्रालियों के चालक अपने-अपने वाहनों को बड़े स्तर पर लादकर ले जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि बड़े वाहनों में चाहे ओवरलोड न करने संबंधी पंजाब सरकार तथा टै्रफिक विभाग की ओर से समय-समय पर आदेश तो जारी किए जाते हैं लेकिन गेहूं तथा धान की भरवाई समेत तूड़ी के व्यापारियों की ओर से वाहनों को ओवरलोड किया जा रहा है। ये वाहन किसी समय भी हादसों का सबब बन सकते हैं।
ओवरलोड वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई की जरूरत
इस मामले पर शहर के अलग-अलग चेतन व्यक्तियों से बातचीत करने पर यह तथ्य उभरा कि किसी भी घटना के होने उपरांत कुछ समय के लिए तो प्रशासन की ओर से ओवरलोडिंग वाहन चालकों के विरुद्ध सख्ती की जाती है लेकिन बाद में समस्या ज्यों की त्यों ही बन जाती है। लोगों की मांग है कि ओवरलोड वाहन चालकों के विरुद्ध लगातार सख्ती की जरूरत है। इसी दौरान ही कुछ लोगों ने दबी आवाज में यह भी कहा कि टै्रफिक विभाग कोई भी कार्रवाई सिर्फ दोपहिया वाहन चालकों के विरुद्ध ही करता है, जबकि बड़े वाहनों के चालक भी प्रैशर हार्न, ओवरलोडिंग , तेज स्पीड समेत और टै्रफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं लेकिन इनके विरुद्ध जरूरत अनुसार कार्रवाई नहीं होती।