Edited By Kalash,Updated: 17 Jun, 2025 02:57 PM
बरनाला शहर का मुख्य सदर बाजार मंगलवार सुबह हुई बारिश के बाद जलभराव और गड्ढों का ऐसा खौफनाक नजारा पेश करता दिखा कि लोग सड़क पर चलने से भी डरने लगे।
बरनाला (विवेक सिंधवानी, रवि): बरनाला शहर का मुख्य सदर बाजार मंगलवार सुबह हुई बारिश के बाद जलभराव और गड्ढों का ऐसा खौफनाक नजारा पेश करता दिखा कि लोग सड़क पर चलने से भी डरने लगे। दरअसल, सीवरेज और पाइपलाइन का कार्य तो महीनों पहले पूरा कर लिया गया और पाइपें भी बिक चुकी हैं, लेकिन नगर कौंसिल द्वारा सड़क निर्माण न कराए जाने की वजह से बाजार की हालत बेहद दयनीय हो गई है। बारिश के बाद गड्ढों में पानी भर गया, जिससे पूरा इलाका कीचड़ से सना हुआ नजर आया।
बरसात बनी मुसीबत, ट्राली तक धंसी
सदर बाजार की स्थिति इतनी खराब हो गई कि बांसावाला मोर्चा क्षेत्र में ईंटों से भरी एक ट्राली बीच बाजार में ही गड्ढे में धंस गई। यह घटना न केवल ट्राली मालिक के लिए नुकसानदेह रही, बल्कि राहगीरों के लिए भी संकट का कारण बन गई। लोग दोपहिया व चारपहिया वाहनों को निकालने के लिए मशक्कत करते नजर आए। जगह-जगह पानी भरे गड्ढे, टूटी सड़कों और कीचड़ ने इस व्यस्त बाजार को मानो जंग का मैदान बना दिया।
व्यापारियों में गुस्सा, प्रशासन से की कार्रवाई की मांग
सदर बाजार में व्यापार कर रहे दुकानदारों का कहना है कि सीवरेज और पाइपलाइन के बाद सड़क की खुदाई कर छोड़ दिया गया और उसके बाद से लगातार धूल, कीचड़, और अब बारिश के बाद पानी भरने की समस्याओं ने व्यापार को बुरी तरह प्रभावित किया है। श्री अरोड़वंश सभा के अध्यक्ष हरीश सिंधवानी, भोला अरोड़ा, सुमित जोधपुरिया सहित अन्य व्यापारियों ने जिला प्रशासन से इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देने की मांग की है। उनका कहना है कि जब पाइपलाइन का काम पूरा हो चुका है तो फिर सड़क निर्माण में इतनी लापरवाही क्यों?
प्रशासन का पक्ष: "हम बारिश का इंतजार कर रहे थे"
इस विषय में नगर कौंसिल बरनाला के कार्यकारी अधिकारी विशालदीप बंसल से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि, "हम बारिश का इंतजार कर रहे थे ताकि यदि मिट्टी ने नीचे धंसना है तो पहले वह धंस जाए, ताकि सड़क निर्माण कार्य पक्का हो सके। अब हम शीघ्र सड़क निर्माण करवाएंगे।" हालांकि ईओ की यह सफाई व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों को संतुष्ट नहीं कर सकी। उनका कहना है कि यदि पहले से यह रणनीति थी, तो इलाके में अस्थायी चेतावनी बोर्ड क्यों नहीं लगाए गए?
बुज़ुर्ग, महिलाएं और बच्चे हुए सबसे अधिक प्रभावित
सड़क की खस्ता हालत ने सिर्फ वाहन चालकों को ही नहीं, बल्कि पैदल चलने वालों को भी बुरी तरह परेशान किया। बुज़ुर्गों और महिलाओं के लिए बाजार जाना किसी चुनौती से कम नहीं रहा। कई स्थानों पर पानी इतना भर गया था कि दुकान के अंदर जाने के लिए लोगों को पत्थरों या ईंटों की सहायता लेनी पड़ी। वहीं, बच्चों के फिसलने और चोट लगने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
ट्रैफिक भी हुआ बाधित
बारिश के बाद सड़क कीचड़ और पानी से लबालब हो गई, जिससे ट्रैफिक का संचालन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। ईंटों की ट्रॉली धंसने के कारण करीब एक घंटे तक ट्रैफिक ठप रहा, और दुकानें भी देर तक नहीं खुल पाईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि यह हालात यूं ही बने रहे तो बाजार में व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा।
आमजन का सवाल: “क्या हर बार हादसे का इंतजार होगा?”
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर कौंसिल और प्रशासन को सड़कों की मरम्मत एवं निर्माण के मामले में गंभीर होना चाहिए। यदि सड़क निर्माण का कार्य सीवरेज कार्य के तुरंत बाद करवा दिया गया होता, तो आज यह हालत न होती। क्या हर बार बारिश और हादसे का इंतजार करना ही प्रशासन की नीति है? लोगों ने यह सवाल प्रशासन के समक्ष खड़ा किया है।
सड़क निर्माण में देरी का खामियाजा आम जनता भुगत रही
नगर कौंसिल द्वारा सड़क निर्माण में की जा रही देरी का सीधा असर बाजार के व्यापार और आम जनता की दिनचर्या पर पड़ रहा है। कीचड़, गड्ढे और जलभराव के कारण न केवल आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी लगातार बना हुआ है। बरनाला शहर के हृदयस्थल सदर बाजार की बदहाल सड़कें स्थानीय प्रशासन की उदासीनता का प्रत्यक्ष प्रमाण बन चुकी हैं। जब तक नगर कौंसिल सड़क निर्माण कार्य शीघ्र नहीं शुरू करती, तब तक व्यापारियों और आमजन की परेशानियां कम होने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। जनता अब ठोस कार्रवाई की मांग कर रही है, आश्वासन नहीं।
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