Edited By Kalash,Updated: 04 Sep, 2025 02:11 PM

पंजाब में महामारी फैल सकती है। बाढ़ और बारिश राज्य के लगभग सभी जिलों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
चंडीगढ़ (वेब डेस्क, अर्जना): पंजाब में महामारी फैल सकती है। बाढ़ और बारिश राज्य के लगभग सभी जिलों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो राज्य में 4 स्तरों पर हैल्थ अटैक होने की संभावना है। बाढ़ के बाद पहले स्तर पर मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियां जैसे हैजा, डायरिया, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए और गैस्ट्रिक रोग लोगों को अपनी चपेट में ले सकते हैं। रुके हुए पानी में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मच्छरों से पैदा होने बीमारियों के मामलों में वृद्धि होने की संभावना है।
बाढ़ के पानी में मृत पशुओं, सीवेज और केमिकल युक्त पानी के कारण त्वचा रोगों के मरीज बढ़ सकते हैं। दूसरे स्तर पर फंगल इंफेक्शन के मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हो सकती है क्योंकि गीले फर्नीचर में मौजूद फंगस लोगों को सांस लेने में तकलीफ दे सकता है। लोगों को सांस की बीमारियां, एलर्जी, निमोनिया, फेफड़ों की समस्या हो सकती है और अस्थमा के मरीजों को अटैक होने की संभावना है।
तीसरे स्तर पर बच्चों, बुजुर्गों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मधुमेह और रक्तचाप के रोगियों को भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिन्हें बाढ़ के दौरान समय पर दवा नहीं मिल पाएगी। डायलिसिस और कीमोथेरेपी करा रहे मरीजों को भी समय पर दवा नहीं मिल पा रही है, जिससे उन्हें भी परेशानी हो सकती है। चौथे स्तर पर, लोगों को मानसिक परेशानियां हों सकती हैं। जिन लोगों के घर और संपत्ति बाढ़ के पानी में बह जाएगी, उनके लिए आर्थिक नुकसान सहना आसान नहीं होगा और वे मानसिक रूप से बीमार हो सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग ऐसे कर रहा काम
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 138 नवनियुक्त चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्त
818 रैपिड रिस्पांस टीम और मोबाइल मेडिकल टीमें तैनात
वेक्टर और पानी वाली बीमारियों को रोकने के लिए फॉगिंग
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 424 एम्बुलेंस सक्रिय
लगभग एक हजार चिकित्सा शिविर आयोजित
चिकित्सा शिविरों में 66 आवश्यक दवाएं उपलब्ध
दवाएं वितरित करने के लिए 11,103 से अधिक आशा वर्कर तैनात
गंभीर रोगियों को आपातकालीन एयरलिफ्ट के लिए हेलीकॉप्टर सेवा
बांटा जा रहा साफ पानी
पंजाब स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. हतिंदर कौर का कहना है कि लोगों तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाया जा रहा है। क्लोरीन की गोलियां वितरित की जा रही हैं। फॉगिंग की जा रही है। एडवाइजरी जारी की गई है कि अगर लोग घर पर हैं, तो वे केवल उबला हुआ पानी ही पिएं। शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। विभाग की टीमें लोगों की मदद के लिए लगातार स्वास्थ्य शिविर लगा रही हैं। लोगों को दवाइयां वितरित की जा रही हैं।
कई बीमारियां जकड़ लेंगी
चंडीगढ़ के सेक्टर-32 स्थित बेदी अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ. विक्रम सिंह बेदी का कहना है कि बाढ़ के बाद कई तरह की बीमारियां लोगों को अपना शिकार बना सकती हैं। वातावरण में कई तरह की संक्रामक बीमारियां पैदा हो सकती हैं। फंगल, बैक्टीरियल संक्रमण से लोगों को कई तरह की एलर्जी और बीमारियां हो सकती हैं।
त्वचा रोग हो सकते हैं
जी.एम.सीएच.एच-32 के निदेशक प्रिंसिपल और त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. जी. धामी का कहना है कि बारिश और गर्मी मिलकर हवा में नमी की मात्रा बढ़ा देते हैं, जिससे कई तरह के फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
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