Ludhiana: बीमा कंपनी को कोर्ट का झटका, हर्जाने के रूप में भरने होंगे लाखों, जानें मामला

Edited By Sunita sarangal,Updated: 05 May, 2024 07:08 PM

court s shock to insurance company lakhs will have to be paid as compensation

लुधियाना के जिला उपभोक्ता फोरम प्रधान द्वारा बीमा कंपनी को मुआवजा राशि ब्याज समेत देने का ऑर्डर

लुधियाना (मेहरा): लुधियाना के जिला उपभोक्ता फोरम प्रधान संजीव बत्रा व सदस्य मोनिका भगत ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए बीमा कंपनी न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को शिकायतकर्ता की दुकान से चोरी हुए माल की मुआवजा राशि 9 लाख सतर हजार रुपये 8% में ब्याज सहित अदा करने का आदेश दिया है।

जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उन्होंने 5 मई 2018 को मोंटे कारलो कंपनी से फ्रेंचाइजी लेकर रायकोट में अपना कपड़ों का शोरूम खोला था और इस संबंध में उन्होंने उपरोक्त बीमा कंपनी से 8 मई 2018 को ही दुकान में अपने रखें स्टॉक के लिए 50 लाख रुपए की बीमा पॉलिसी भी ली थी। उनके मुताबिक जब उन्होंने दुकान शुरू की तब उनके पास करीब 33 लाख रुपए का स्टॉक था, जिनमें से एक लाख रुपए का माल वह विभिन्न ग्राहकों को बेच चुके थे। उनके मुताबिक दुकान खोलने के एक सप्ताह बाद ही 12 मई 2018 को जब वह अपनी दुकान बंद करके रात्रि 9:15 मिनट पर अपने घर चले गए तो उन्हें सूचना मिली कि उनका दुकान का शटर और उसका ताला टूटा हुआ है, जिस पर जब वह तत्काल अपनी दुकान पर पहुंचे तो दुकान में से रखें अधिकतर कपड़े चोरी हो गए थे और कुछ गुड्स जो बक्सों में ही पड़े हुए थे,उन्हें भी चोरी कर लिया गया था।

उनके द्वारा तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी गई, जिन्होंने 13 मई 2018 को विभिन्न धाराओं के तहत चोरी का मुकदमा भी दर्ज कर लिया। उनके द्वारा इसकी सूचना बाकायदा बीमा कंपनी को भी दी गई, जिन्होंने दुकान का मुआयना किया और मांगने पर सभी दस्तावेज उनको सप्लाई भी कर दिए गए। चोरों का पता न लगने पर 11 जून 2019 को पुलिस द्वारा इंट्रेस्ड रिपोर्ट भी फाइल कर दी गई,जिससे बाकायदा न्यायालय द्वारा भी मंजूर कर लिया गया,लेकिन बीमा कंपनी द्वारा उन्हें 8 लाख 16300 बतौर क्लेम अदा कर दिए गए,जबकि उनके द्वारा चोरी की गई कुल राशि का क्लेम 17 लाख 86689 लॉज किया गया था। बीमा कंपनी ने अपने हिसाब से ही नाजायज़ तोर पर उन्हें क्लेम अदा कर दिया,जिसके बाद उनके द्वारा उपभोक्ता फोरम का सहारा लिया गया वही बीमा कंपनी ने शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपी को झूठा करार देते हुए कहा की शिकायतकर्ता की दुकान से उनके सर्वेयर द्वारा एसेस किया गया क्लेम ही चोरी किया गया लगता था,जिसकी वजह से उन्होंने सर्वे रिपोर्ट के हिसाब से क्लेम अदा कर दिया गया। फोरम में वकील नितिन कपिला ने बहस करते हुए कहा की शिकायतकर्ता की दुकान में आए हुए माल के सभी बिल के हिसाब से उनकी दुकान में माल चोरी हुआ था,जिसकी पुरी डिटेल कम्पनी को दी गई थी,लेकिन कंपनी ने बिना इनकी जांच और बिना किसी आधार के अपनी मर्जी मुताबिक़ क्लेम अदा कर दिया,जो कि गलत था। 


फोरम ने दोनों पक्षों के बहस सुनने के बाद अपने दिए फैसले में ठहराया की शिकायतकर्ता द्वारा अपने दावों को लेकर फोरम में सफलतापूर्वक सभी दस्तावेज पेश किए हैं और बीमा कंपनी द्वारा बिना किसी आधार के अपनी मर्जी के मुताबिक क्लेम अदा करना गलत है, इसके मध्यनजर उन्होंने बीमा कंपनी को शिकायतकर्ता के बकाया रह गए क्लेम की राशि 9 लाख 70 हजार रुपये  8% में ब्याज सहित अदा करने के साथ-साथ कंपनी की सभा में कमी के कारण शिकायतकर्ता को हुई परेशानी पर कंपनी को 20000 रुपये हर्जाना भी अदा करने का आदेश दिया।

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