अमृतसर: लोग नहीं हुए जागरूक तो हर घर तक पहुंचेगा 'कोरोना'

Edited By Tania pathak,Updated: 09 Jun, 2020 05:33 PM

corona will reach every house if people do not become aware

विभाग की तरफ से कोरोना संबंधी बनाऐ गए नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों से सिर्फ़ 16 दिनों में 25 लाख 16 हज़ार 300 रुपए जुर्माना किया है...

अमृतसर (दलजीत शर्मा ): कोरोना वायरस हर दिन अपनी रफ्तार बढ़ा रहा है। एक तरफ सरकार ढील दे रही है तो वहीं दूसरी  तरफ यह महामारी लोगों को अपनी गिरफ़्त में लेती जा रही है। मरने वालों में जहां एक 8 महीने का बच्चा भी शामिल था, वही 18 ओर नए मामले सामने आने साथ हालात भयानक हो गई है। फिलहाल अब जिले में मरने वालों की संख्या 11 हो गई है और मरीज़ों का आंकड़ा 502 हो गया है। 

जानकारी के लिए बता दे कि जिले में कोरोना विदेश से आए लोगों के द्वारा शुरू हुआ था और इसके बाद देश के दूसरे हिस्सों में फंसे लोगों की वापिसी ने इसको ओर बढ़ा दिया। इसके बाद मरीजों को घर भेजने के लिए लाई गई नई पॉलिसी आते ही महामारी कंम्यूनिटी में पहुंच गई। एक ही दिन में हुई तीन मौतों के आंकड़ों से प्रशासन और सेहत विभाग में हड़कंप मच गया हैं, वही दूसरी तरफ इस घटनाओं को लेकर भी लोग गंभीर नज़र नहीं आ रहे हैं। लोग सोशल डिस्टैसिंग और मास्क लाने की हिदायतें का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। 

सिविल सर्जन ने लोगों को की अपील 

विभाग की तरफ से कोरोना संबंधि बनाऐ गए नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों से सिर्फ़ 16 दिनों में 25 लाख 16 हज़ार 300 रुपए जुर्माना किया है। सेहत विभाग की तरफ से इस बारे में पुलिस प्रशासन को चालान बुक दी गई थी, जिसके साथ पुलिस की तरफ से चालान करके सेहत विभाग को पैसे जमा करवा दिए गए हैं। सिविल सर्जन डा. जुगल किशोर ने कहा कि नियमों की पालना न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। सोशल डिस्टैंसिंग मास्क न लगाना एकांतवास का उल्लंघन करने वालों खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि सरकार के नियमों की पालना करें। 

कोरोना टेस्ट के बिना नहीं होगा अब दाँतों का सरकारी अस्पतालों में इलाज 

कोरोना वायरस के टेस्ट से बिना अब सरकारी अस्पतालों में दाँतों का इलाज नहीं होगा। सेहत विभाग की डिप्टी डायरैक्टर डैंटल डा. शरनजीत कौर सिद्धू ने बताया कि महामारी दौरान फ्रंट लाईन पर डैंटल डॉक्टर काम कर रहे हैं। दाँतों के इलाज दौरान डॉक्टरों को मरीज़ के मुँह के पास जा कर जांच का काम करना पड़ता है, जिस कारण डॉक्टर भी कोरोना की जकड़ में आ सकते हैं। विभाग की तरफ से फैसला किया गया है कि जो मरीज़ कोरोना टेस्ट करवा कर आऐगा, उसके ही दांतों का इलाज किया जायेगा।

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