Edited By Subhash Kapoor,Updated: 31 Dec, 2024 09:47 PM
नगर निगम चुनावों के बाद मेयर बनाने को लेकर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, कांग्रेस व भाजपा के बीच खींचतान का सिलसिला लगातार जारी है। आजाद पार्षदों पर डोरे डालने के उदेश्य से ‘आप’ की लीडरशिप द्वारा नगर निगम में उच्च पद के अलावा सरकार की सुविधाएं देने का...
लुधियाना (रिंकू) : नगर निगम चुनावों के बाद मेयर बनाने को लेकर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, कांग्रेस व भाजपा के बीच खींचतान का सिलसिला लगातार जारी है। आजाद पार्षदों पर डोरे डालने के उदेश्य से ‘आप’ की लीडरशिप द्वारा नगर निगम में उच्च पद के अलावा सरकार की सुविधाएं देने का प्रलोभन दिया जा रहा है। वहीं कांग्रेस और भाजपा की ओर से भी आजाद पार्षदों को अपनी ओर खींचने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया जा रहा है।
आज यहां एक होटल में पंजाब कांग्रेस के प्रधान व स्थानीय सांसद अमरिन्दर सिंह राजा वड़िंग द्वारा लुधियाना से कांग्रेस के विजयी पार्षदों के साथ बैठक की गई, जहां पूर्व मंत्री आशु के धड़े के पार्षदों की गैर-हाजिरी ने नई चर्चा को जन्म दे दिया, लेकिन राजा वड़िंग ने बिना नाम लिए कांग्रेस के नेताओं को किसी व्यक्ति विशेष से जुड़ने की बजाय पार्टी के साथ चलने के लिए प्रेरित किया। वड़िंग ने कहा कि चाहे आज मैं पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष हूं अगर मेरी जगह पार्टी किसी ओर को भी मौका देगी तो सभी को पार्टी का फैसला सिर माथे रखकर सेवा भावना को प्रमुखता देनी चाहिए। आज की बैठक में आशु धड़े को छोडक़र बैंस ब्रदर्ज, राकेश पांडे, डाबर व आशु के करीबी नेता ईश्वरजोत सिंह चीमा मौजूद रहे।
पंजाब कांग्रेस प्रधान राजा वड़िंग द्वारा कांग्रेस के पार्षदों के साथ की गई बैठक में बैंस ब्रदर्ज, डाबर व पांडे सहित आशु के करीबी ईश्वरजोत सिंह चीमा भी मौजूद रहे लेकिन आशु और उनके धड़े के पार्षदों की गैरहाजिरी की चर्चा बैठक में चलती रही। राजा वड़िंग और आशु के बीच आपसी दूरी की वजह जिला कांग्रेस प्रधान संजय तलवाड़ को माना जा रहा है, तलवाड़ ने लोकसभा चुनावों में आशु की बजाय किसी अन्य नेता को टिकट देने का मुद्दा हाईकमान के समक्ष उठाया था, जिसके बाद आशु धड़े और संजय तलवाड़ के बीच काफी मनमुटाव देखने को मिला रहा है।