Edited By Vatika,Updated: 12 Nov, 2024 11:09 AM
लगातार 5वें रोज लोगों को बेहद खराब हवा का सामना करना पड़ा।
चंडीगढ़: लगातार 5वें रोज लोगों को बेहद खराब हवा का सामना करना पड़ा। सोमवार को चंडीगढ़ देश के सबसे प्रदूषित 5 शहरों में तीसरे नंबर पर था। चिंता की बात ये है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण कम करने में मददगार तेज हवा या बारिश की संभावना नहीं है।
16 नवम्बर तक प्रदूषण की बेहद खराब हालत का सामना करना पड़ सकता है। सोमवार को शहर का ए.क्यू.आई. 331 रहा। तीन दिनों से ए.क्यू. आई. बेहद खराब स्तर के बीच है। सेहत के लिए जोखिम बनने वाले पी.एम.25. की मात्रा 390 तक जा पहुंची। मौसम विभाग के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल बता रहे हैं कि फिलहाल वैस्टर्न डिस्टरबैस या ऐसा सिस्टम आने वाले दिनों में बनता नहीं दिख रहा है, जिससे हवा चलने या बारिश की संभावना बन रही हो। उनकी बात से साफ है कि अब ये प्रदूषण पराली जलाने की प्रकिया खत्म होने के बाद ही कम हो सकता है।
पहली दफा विंड पैट्रन की वजह से प्रदूषण से घिरा चंडीगढ़
पर्यावरण विशेषज्ञों की मानें तो हर साल इन दिनों पड़ोसी राज्यों में पराली जलाई जाती है लेकिन चंडीगढ़ सबसे प्रभावित शहरों की सूची में कभी नहीं आया। वजह ये रहती थी कि अक्टूबर आखिर या नवम्बर में वैस्टर्न डिस्टरबैंस से हलकी बूंदाबांदी हो जाती थी। बारिश न भी हो तो विंड पैट्रन यानी हवा का रुख पूर्व से पश्चिम की तरफ रहता था। पराली का धुआं चंडीगढ़ की ओर नहीं आता था। इस बार विंड पैट्रल पश्चिम से दक्षिण की तरफ होने से प्रदूपण चंडीगढ़ और राजस्थान के हिस्सों में जा पहुंचा है। हवा की गति 25 से 35 कि.मी. के बीच रहने से प्रदूपण के कण आगे निक लते रहते थे। इस बार हवा की न्यूनतम स्पीड भी 5 कि.मी. है तो अधिकतम स्पीड 10 किमी होने से प्रदूषण नहीं हट रहा।