लॉकर से बहू के 45 तोले गहने खुर्दबुर्द करवाने का मामला, बैंक अफसर गिरफ्तार

Edited By Urmila,Updated: 02 Oct, 2024 11:58 AM

case of theft of daughter in law s jewellery

दहेजलोभी ससुरालियों से मिल कर बैंक लॉकर से बहू के 45 तोले सोने के गहने खुर्दबुर्द करवाने वाले एस.बी.आई. बैंक के फील्ड अफसर को थाना एक की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

जालंधर : दहेजलोभी ससुरालियों से मिल कर बैंक लॉकर से बहू के 45 तोले सोने के गहने खुर्दबुर्द करवाने वाले एस.बी.आई. बैंक के फील्ड अफसर को थाना एक की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में विवाहिता के मायके वाले और उसके पति के दोस्त को भी नामजद किया था, जिसमें से सभी की गिरफ्तारियां पहले ही हो चुकी हैं।

जानकारी देते ईशा निवासी सूर्या विहार ने बताया कि उसका विवाह मई 2018 को लुधियाना के हरगोबिंद नगर के रहने वाले आदित्य पुत्र कृष्णा विनायक के साथ हुआ था। विवाह के कुछ समय बाद ही उसे दहेज के लिए तंग किया जाता था और मायके से 50 लाख रुपए लाने की डिमांड की जाती। उसने जब अपने पति को पैसे लाने से मना किया तो उससे मारपीट की गई।

ईशा ने कहा कि एक दिन मायके घर आकर अपने पति आदित्य, सास मंशा विनायक, ससुर कृष्णा विनायक, जेठानी निशा और जेठ करन सभी निवासी हरगोबिंद नगर लुधियाना ने मारपीट और फिर उसने 11 मई 2022 दहेज मांगने का केस दर्ज करवा दिया।

इसके बाद ससुरालियों ने अदालत में झूठी याचिका दायर कर दी कि ईशा अपने साथ सभी गहने ले गई है। ईशा पक्ष की तरफ से माननीय अदालत में बैंक लॉकर चैक करने की मांग की अर्जी दी। पुलिस ने जब एस.बी.आई. बैंक मेन ब्रांच आहमदगढ़ जाकर जांच शुरू की तो लॉकर आप्रेट करने के रजिस्टर से लेकर बैंक के सी.सी.टी.वी. कैमरे खंगाले गए।

इस दौरान पता लगा कि आदित्य का दोस्त हेमंत जैन पुत्र नरिंद्र जैन निवासी टैगोर नगर लुधियाना 10 जून 2022 को बैंक में आता है जो बैंक के फील्ड अफसर पंकज पुत्र रतन चंद निवासी अकाश नगर लुधियाना से मिलता है और लॉकर आप्रेट करने की मांग करता है। उसने लॉकर अपरेट करने से पहले रजिस्टर में एंट्री भी की। कुछ समय के बाद सी.सी.टी.वी. कैमरे में ईशा की सास मंशा और पति आदित्य भी हेमंत के साथ बैंक में आते दिखाई दिए।

हेमंत का ईशारा मिलते ही वह दोनों लॉकर आप्रेट करके चले गए और उनकी तरफ से लॉकर आप्रेट करने की कोई एंट्री रजिस्टर में नहीं लिखी गई। सीसीटीवी कैमरे में यह भी दिखाई दिया कि मंशा जब बैंक में आई थी तो उसके पास एक पर्स था, लेकिन वापस लौटते समय उसके हाथ में वजनदार लिफाफा था। ऐसे में साबित हो गया कि ईशा के मायके वालों की तरफ से दिए गहने मंशा और आदित्य ही लॉकर से निकाल ले गए थे। वहीं पुलिस ने जब लॉकर खुलवाया तो उसमें से 60 तोले की जगह मात्र 15 तोले गहने ही मिले।

पुलिस ने इस जांच के बाद आदित्य के दोस्त हेमंत जैन और फील्ड अफसर पंकज को भी साजिश के तहत धोखाधड़ी करने और गहने खुदबुर्द करने की धारा अधीन नामजद कर लिया था। उधर थाना एक के ए.एस.आई. साहिब सिंह का कहना है कि इस मामले में सभी की गिरफ्तारियों हो चुकी हैं लेकिन फील्ड अफसर पंकज घर से फरार था, जिसे गत दिन गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। उन्होंने कहा कि बाकि के नामजद लोग अभी जमानत पर हैं।

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