Edited By Kalash,Updated: 21 Dec, 2025 12:53 PM

अंडों में 'नाइट्रोफ्यूरान मेटाबोलाइट्स' जैसे तत्व पाए जा रहे हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।
बरनाला (रवि, उमेश): पिछले कुछ दिनों से इंटरनेट और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अंडों की गुणवत्ता और स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार पर विराम लगाते हुए पंजाब पोल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन ने कड़ा रुख अपनाया है। एसोसिएशन के सरपरस्त राजेश गर्ग बब्बू, चेयरमैन विवेक सिंधवानी तथा अध्यक्ष अमृतपाल सिंह ने संयुक्त रूप से वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर इन दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश और विशेषकर पंजाब में उत्पादित होने वाले अंडे उपभोग के लिए शत-प्रतिशत सुरक्षित हैं।
भ्रामक प्रचार और वैज्ञानिक सत्य
एसोसिएशन के सरपरस्त राजेश गर्ग बब्बू ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में कुछ अनधिकृत रिपोर्टों और सोशल मीडिया पोस्ट्स के माध्यम से यह दुष्प्रचार किया गया कि अंडों में 'नाइट्रोफ्यूरान मेटाबोलाइट्स' जैसे तत्व पाए जा रहे हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। गर्ग ने कहा, "यह न केवल वैज्ञानिक रूप से गलत है, बल्कि एक गहरी साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है ताकि आम जनता के मन में डर पैदा कर पोल्ट्री उद्योग को संकट में डाला जा सके।" उन्होंने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के हालिया स्पष्टीकरण का हवाला देते हुए बताया कि इन दावों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

नियामक मानकों की दृढ़ता
चेयरमैन विवेक सिंधवानी ने तकनीकी मानकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि FSSAI ने स्पष्ट रूप से निर्धारित किया है कि नाइट्रोफ्यूरान मेटाबोलाइट्स के अवशेषों की मौजूदगी यदि 1.0 ग्राम/किलोग्राम की तय सीमा से नीचे है, तो वह किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम का संकेत नहीं देती। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का खाद्य सुरक्षा नियामक ढांचा अत्यंत सुदृढ़ है और यह यूरोपीय संघ तथा अमेरिका जैसे देशों के अंतरराष्ट्रीय मानकों के पूर्णतः अनुरूप है। सिंधवानी ने आगे कहा, "अंडों को लेकर फैलाई जा रही रिपोर्टों में कुछ अलग-थलग प्रयोगशाला निष्कर्षों को एकीकृत करके पेश किया जा रहा है, जो कि भ्रामक है। उपभोक्ता केवल आधिकारिक सरकारी डेटा और सत्यापित वैज्ञानिक साक्ष्यों पर ही भरोसा करें। हमारी पोल्ट्री उत्पादन प्रणाली में नाइट्रोफ्यूरान का उपयोग सख्त वर्जित है और उत्पादन के हर स्तर पर इसकी निगरानी की जाती है।

पोल्ट्री फार्मर्स की प्रतिबद्धता
अध्यक्ष अमृतपाल सिंह ने एसोसिएशन की ओर से उपभोक्ताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि पंजाब का पोल्ट्री उद्योग स्वच्छता और गुणवत्ता के उच्चतम मानकों का पालन कर रहा है। उन्होंने कहा, "अंडा प्रोटीन का सबसे सस्ता, सुलभ और श्रेष्ठ स्रोत है। यह एक प्राकृतिक 'सुपरफूड' है जिसमें शरीर के लिए आवश्यक अमीनो एसिड, विटामिन और मिनरल्स होते हैं। इसे संतुलित आहार का एक सुरक्षित और अहम हिस्सा माना गया है। कैंसर जैसे गंभीर रोग के साथ इसका नाम जोड़ना न केवल अनुचित है, बल्कि जनमानस के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ भी है क्योंकि इससे लोग पौष्टिक आहार से वंचित हो सकते हैं।"

अफवाह फैलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने चिंता व्यक्त की कि ऐसी झूठी खबरों से न केवल पोल्ट्री फार्मिंग से जुड़े हजारों किसानों की आजीविका पर असर पड़ता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है। उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार से मांग की कि डिजिटल मीडिया पर इस प्रकार की आधारहीन खबरें और वीडियो वायरल करने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके विरुद्ध साइबर अपराध के तहत कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से अपील की कि जनता को घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान और विश्व स्वास्थ्य संगठन भी अंडे को पोषण का महत्वपूर्ण स्रोत मानते हैं। अतः किसी भी अपुष्ट वीडियो या पोस्ट को आगे साझा करने से पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच अवश्य करें। अध्यक्ष अमृतपाल सिंह ने अंत में कहा, "हमारा उद्देश्य केवल व्यापार करना नहीं, बल्कि समाज को स्वस्थ और कुपोषण मुक्त बनाना है। हम जनता को विश्वास दिलाते हैं कि हमारे द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले उत्पाद पूरी तरह जांचे-परखे और सुरक्षित हैं।"
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