पंजाब की इस लोकसभा सीट पर गड़बड़ा सकता है BJP का गणित, सियासी हलके हैरान

Edited By Vatika,Updated: 07 Sep, 2023 09:41 AM

bjp situation in anandpur lok sabha seat

स्टेट हाईकमान ने न तो उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया और न ही कोई अपील या दलील सुनी गई।

जालंधर: भारतीय जनता पार्टी द्वारा गढ़शंकर से वरिष्ठ भाजपा नेता निमिषा मेहता को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद भाजपा के साथ-साथ अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी स्तब्ध हैं। दरअसल निमिषा मेहता को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाते वक्त भाजपा की स्टेट हाईकमान ने न तो उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया और न ही कोई अपील या दलील सुनी गई।

निमिषा मेहता ने गढ़शंकर हलके में भाजपा के लिए काम किया, जहां पार्टी का कोई आधार नहीं था और पार्टी ने यह सीट अकाली दल को सौंपी हुई थी। पंजाब में अकाली दल भाजपा गठबंधन 1997 के चुनाव में शुरू हुआ था और उसके बाद से इस सीट पर अकाली दल ही चुनाव लड़ता था और भाजपा की यहां सक्रियता नहीं थी। पिछले साल जब अकाली दल ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ा तो निमिषा मेहता ने पार्टी का हलके में आधार न होने के बावजूद इस सीट पर चुनाव लड़ा और अपनी तरफ से न सिर्फ मोटी रकम खर्च की, बल्कि खुद को भी चुनाव में झोंका और अपनी मेहनत के दम पर भाजपा की सीट पर 25,000 के करीब वोट हासिल करने में कामयाब हुई। गढ़शंकर की सीट उन विधानसभा सीटों में से एक थी, जहां भाजपा को सम्मानजनक वोट मिला। लेकिन पिछले दिनों होशियारपुर के धोबीघाट के पास स्थित हुई पार्टी की मीटिंग के दौरान निमिषा मेहता और उसके समर्थकों की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ हुए टकराव के बाद भाजपा की स्टेट हाईकमान ने एकतरफा फैसला लेते हुए मेहनती और कर्मठ नेता को बाहर का रास्ता दिखा दिया। 

भाजपा के इस फैसले से न सिर्फ पार्टी के कार्यकत्र्ता हैरान हैं, बल्कि अन्य पार्टियों के उन नेताओं को भी गलत संदेश गया है, जो भविष्य में पंजाब में भाजपा को ज्वाइन करने की सोच रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा अन्य पार्टियों  के मेहनती नेताओं को भाजपा के साथ जोड़कर पार्टी का परिवार बड़ा करने में जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं लेकिन पंजाब में कांग्रेस से आई एक मेहनती नेता के साथ पंजाब भाजपा ने जिस तरह का व्यवहार किया है, उसे देखकर अन्य पाॢटयों के नेताओं में भी भाजपा के प्रति सही संदेश नहीं गया है। पंजाब में भाजपा पहले ही चौथे नंबर की पार्टी है और गांवों में भाजपा का कोई आधार नहीं है। ऐसे में अच्छा जनाधार रखने वाली निमिषा मेहता के खिलाफ जिस तरीके से पार्टी ने कार्रवाई की है, उससे आम जनता में भी पार्टी के प्रति सकारात्मक धारणा नहीं बनेगी। भाजपा में ही आनंदपुर साहिब लोकसभा हलके की टिकट को लेकर अंदरखाते घमासान मचा हुआ है और पार्टी के कई नेता इस सीट के लिए दावेदारी जताने की योजना बना रहे हैं। लेकिन आनंदपुर साहिब लोकसभा हलके के भीतर आने वाले गढ़शंकर हलके से मजबूत जनाधार वाली नेता निमिषा मेहता को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने का निश्चित तौर पर लोकसभा चुनाव में नुक्सान हो सकता है।

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