राजा वड़िंग व सुखजिंदर सिंह रंधावा को चुनाव मैदान में उतारना कांग्रेस के लिए फायदेमंद

Edited By Kamini,Updated: 05 Jun, 2024 04:33 PM

beneficial for the congress to field raja warring and randhawa in the election

पंजाब में कांग्रेस पार्टी 13 में से 7 सीटें जीतकर बेहतरीन प्रदर्शन करने में सफल रही है। कांग्रेस पार्टी की रणनीति बहुत प्रभावी और सफल रही।

पंजाब डेस्क : पंजाब में कांग्रेस पार्टी 13 में से 7 सीटें जीतकर बेहतरीन प्रदर्शन करने में सफल रही है। कांग्रेस पार्टी की रणनीति बहुत प्रभावी और सफल रही। पार्टी द्वारा टिकट वितरण से कांग्रेस को फायदा हुआ। बड़े चेहरों को चुनाव मैदान में उतारकर हाईकमान ने साफ संकेत दे दिया है कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी काफी गंभीर है। अगर पार्टी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को लुधियाना से और पूर्व उपमुख्यमंत्री और मौजूदा विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा को गुरदासपुर से मैदान में नहीं उतारा होता तो शायद पार्टी को इतनी बड़ी सफलता नहीं मिलती। राजा वड़िंग और सुखजिंदर रंधावा के चुनाव मैदान में उतरने से पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भर गया और इन दोनों नेताओं ने बड़ी मेहनत से चुनाव जीता। हालांकि लुधियाना में लाखों की संख्या में प्रवासी वोटर हैं, लेकिन चुनाव प्रचार के आखिरी दिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खास तौर पर पहुंचे और रवनीत सिंह बिट्टू के पक्ष में जोरदार प्रचार किया।

वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने भी लुधियाना में रैली की। इस दौरान उन्होंने मंच से कहा कि रवनीत सिंह बिट्टू उनके दोस्त हैं। अगर लुधियानावासी बिट्टू को जिताएंगे तो उन्हें केंद्र में बड़ा पद दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरदासपुर में रैली की। पूरे कांग्रेस नेतृत्व ने रवनीत बिट्टू के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा कई बार कह चुके हैं कि बिट्टू को हर हाल में हराया जाएगा क्योंकि उन्होंने पार्टी की पीठ में छुरा घोंपा है। इसी तरह बिट्टू को पंजाब यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर संसद तक पहुंचाने वाले राहुल गांधी भी खासकर लुधियाना रैली में बिट्टू के खिलाफ दिखे। सुखजिंदर सिंह रंधावा इस समय माझे की कांग्रेस का बड़ा चेहरा बन गए हैं। जिस तरह बिक्रम सिंह मजीठिया को अकाली दल में माझे का जनरल कहा जाता है, सुखजिंदर सिंह रंधावा उसी जनरल रोल में आए और पार्टी द्वारा दिए गए मिशन को पूरा किया।

अगर पार्टी ने लुधियाना से वड़िंग की जगह पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को टिकट दिया होता तो आशु बिट्टू को इतनी कड़ी टक्कर नहीं दे पाते। कांग्रेस ने विधायक होने के बावजूद अपने दोनों बड़े नेताओं को राज्य में उतारकर साफ संदेश दिया कि पार्टी पंजाब को लेकर गंभीर है। बेशक कांग्रेस ने दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किया था, लेकिन पंजाब में उन्होंने अपने बड़े नेताओं को खड़ा किया और अपने कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि पंजाब कांग्रेस के लिए 'आप' और भाजपा एक समान हैं। वह इन दोनों से डटकर मुकाबला करेगी। दोनों बड़े नेताओं के मैदान में आते ही कांग्रेस कार्यकर्ता जोश से भर गए। कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर पार्टी के लिए काम किया, जिसका फायदा पार्टी को नतीजों के रूप में मिला।

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