सावधान! कहीं दूध के बदले जहर तो नहीं पी रहे आप, पढ़ें यह खबर

Edited By Vatika,Updated: 05 Aug, 2019 09:47 AM

are you not drinking poison instead of milk

पंजाब में मिलावटी दूध की बिक्री किसी से छुपी नहीं हैं, बड़े पैमाने पर लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है।

जालंधर(कमलेश): पंजाब में मिलावटी दूध की बिक्री किसी से छुपी नहीं हैं, बड़े पैमाने पर लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। दूध में कैमिकल मिलाकर लोगों की रसोई तक धीमा जहर पहुंचाया जा रहा है। अपने लालच के लिए लोगों तक जहर पहुंचा रहे लोग खराब गुणवत्ता वाले स्किम्ड मिल्क पाऊडर के 3 भाग और स्टार्च के 3 भाग मिश्रित करते हैं और उसके बाद खाद्य सुरक्षा मानकों के तहत फैट की मात्रा को पूरा करने के लिए रिफाइंड या हाइड्रोजनकृत तेल मिलाया जाता है। इसी तरह दूध से तैयार होने वाले उत्पादों जैसे पनीर बनाने के दौरान दूध को गाढ़ा करने के लिए साइट्रिक एसिड के बजाय टॉयलेट क्लीनर सल्फ्यूरिक एसिड का उपयोग किया जा रहा है। इस सारे काम को कुछ छोटे से लेकर बड़े स्तर के दोधी और कुछ मिल्क प्लांट चलाने वाले अंजाम दे रहे हैं। 
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उक्त दोधी और प्लांट वाले दूध की जगह जहर लोगों को परोस रहे हैं जो कैंसर की बीमारी का कारण बन रहा है। पंजाब सरकार के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2012 के मुकाबले मौजूदा समय में भैंसों की संख्या में 25 प्रतिशत की कमी आई है लेकिन इसके विपरीत पंजाब में दूध की पैदावार में बढ़ौतरी हुई है? पंजाब में 1992 में भैंसों की संख्या 51.23 लाख थी जो 2012 में कम होकर 46.26 लाख रह गई है। यह 10 प्रतिशत की कमी 2 दशकों में थी लेकिन अब 2022 की पशुओं की गिनती के लिए जो डाटा तैयार किया जा रहा है, उसमें 25 प्रतिशत की कमी आती दिखाई दे रही है। इससे साफ होता है कि जो दूध लोगों की रसोइयों तक पहुंच रहा है, वह मिलावटी है। 
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इस मामले में पंजाब किसान आयोग के चेयरमैन अजयवीर जाखड़ का एक ट्वीट सामने आया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि यह स्थिति भयानक है। ट्वीट में उन्होंने दावा किया था कि भैंसों की संख्या कम हुई है, जबकि 2012 के मुकाबले गायों की संख्या 2 प्रतिशत बढ़ी है। विभाग के डायरैक्टर डॉ. इन्द्रजीत सिंह भी मान चुके हैं कि भैंसों की संख्या में काफी कमी आ रही है। इसको लेकर सर्वे भी करवाया जा रहा है। भैंसों समेत दुधारू पशुओं को रखने में लोग रुचि नहीं ले रहे हैं क्योंकि उन्हें दूध व उसके उत्पादकों की सही कीमत नहीं मिल रही है। साथ ही यूरोपियन यूनियन और न्यूजीलैंड जैसे देशों ने भारत में सस्ते दामों में सूखा दूध उतार दिया है। ऐसे में दूध के लिए भैंसों आदि को रखना अब महंगा पडऩे लगा है।
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छापेमारी में कई पकड़े जा चुके हैं नकली दूध बनाने वाले
विभाग की छापेमारियों में कई जगह नकली दूध बनाने वालों को पकड़ा जा चुका है। तंदरुस्त पंजाब मिशन के डायरैक्टर काहन सिंह पन्नू के नेतृत्व में हुई छापेमारियों में भी दूध और नकली देसी घी बनाने वालों को काबू किया जा चुका है, इसके बावजूद बाजारों में नकली दूध बिकना बंद नहीं हो रहा है।

करोड़ों कमाने वाले 2 भाइयों को पिछले दिनों ही एस.टी.एफ. ने पकड़ा
नकली दूध बेचकर कुछ ही सालों में करोड़ों रुपए कमाने वाले भोपाल के रहने वाले दविन्द्र और जयवीर सगे भाइयों को कुछ दिन पहले ही एस.टी.एफ. ने काबू किया है। 7 साल पहले मोटरसाइकिल पर दूध बेचने वाले 2 भाइयों ने अपना एक मिल्क चिलिंग प्लांट खोल लिया था और इसके अलावा करोड़ों रुपए की गाडिय़ां और प्रॉपर्टी बना ली थी। दोनों भाई पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के जाना-माने दूध उत्पादकों को दूध भी सप्लाई कर रहे थे। जांच में यह सामने आया था कि यह नकली दूध को 6 रुपए लीटर के हिसाब से तैयार कर देते थे जोकि बाजार में 25 रुपए लीटर के हिसाब से बिकता था। इस सारे मामले से यह स्पष्ट होता है कि लोगों को जहर बेचकर कुछ लोग करोड़ों रुपए कमा रहे थे। ऐसे में लोगों को खुद ही जागरूक होना होगा। वहीं सरकार और सेहत विभाग को ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

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