कल अमृतसर जाने वाले दें ध्यान! भंडारी पुल बंद करने की कॉल, जानें वजह

Edited By Kalash,Updated: 28 Oct, 2025 06:08 PM

amritsar bandh call

भंडारी पुल बंद कर चक्का जाम करने की कॉल दे दी है।

अमृतसर (टोडरमल): धार्मिक ध्वज चढ़ाने के गर्माते मामले को देखते हुए जिला प्रशासन व पुलिस ने आज भगवान वाल्मीकि तीर्थ को छाबनी में तबदील कर दिया, ताकि कोई अप्रिय घटना न घट सके, लेकिन संत समाज के वायदे के मुताबिक संगत द्वारा जोश व बलपूर्वक वाल्मीकि नारों के साथ भगवान वाल्मीकि मंदिर में लाल रंग का ध्वज चढ़ाने को लेकर वाल्मीकि संगठन भड़क गए जिसके कारण संगठनों के प्रतिनिधियों में भारी रोष व्यापक है। वाल्मीकि संगठनों ने 29 अक्तूबर को भंडारी पुल बंद कर चक्का जाम करने की कॉल दे दी है।

बता दें वाल्मीकि तीर्थ में धार्मिक ध्वज चढ़ाने को लेकर संत समाज एवं धार्मिक संगठनों में चल रहे विवाद के हल हेतु जिला प्रशासन द्वारा निरंतर प्रयास जारी था कि पावन वाल्मीकि तीर्थ में कोई संवेदनशील मामला न खड़ा हो जाए, वहीं पर संत समाज द्वारा 27 अक्तूबर को विशाल संत सम्मेलन के बाद लाल रंग का झंडा चढ़ाने का ऐलान किया गया था जो आज सुबह से ही भगवान वाल्मीकि तीर्थ में सैकड़ों की तादाद में भारी पुलिस बल तैनात किया हुआ था, जिसमें स्वयं एस.एस.पी. देहाती व एस.पी. डी.एस.पी. व अन्य थानों के मुखिया के अलावा पुलिस कर्मचारी मौजूद थे ताकि माहौल पर काबू पाया जा सके।

वहीं पर संत मलकीत नाथ, संत गिरधारी नाथ, संत सेवक नाथ की अध्यक्षता में संत सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें संत विवेक नाथ, संत संगम नाथ, संत कर्म नाथ, संत रामदास, संत शिवनाथ, संत लक्ष्मण दास, संत बालक नाथ, संत संतोष नाथ, संत बलवंत नाथ, धर्मगुरु डा. देव सिंह अद्वैती धूणा साहिब ट्रस्ट के चेयरमैन ओम प्रकाश गब्बर, अश्वनी सहोता, कमल खोसला, विनोद बिट्टा, सुरेंद्र टोना, रोशन लाल सभ्रवाल, सरवन गिल, एडवोकेट अजय गिल साहित्य हजारों की तादाद में देश के अलग-अलग प्रांतों से पहुंचे संत व संगत ने अपनी जुटता दिखाई।

संत सम्मेलन में जहां अलग-अलग प्रांतों से आए गुरुजनों ने लाल रंग के ध्वज पर संबोधन किया, वहीं पर आपने धार्मिक ग्रंथ योग वशिष्ठ रामायण पर के मार्ग का रास्ता दिखाया। पुलिस प्रशासन की तरफ से संत समाज को मिल बैठकर मसला हल करने के लिए निरंतर समझने का प्रयास किया गया, जबकि जोश में आए जनसमूह के सैलाब को पुलिस बल नहीं रोक पाया, उन्होंने बलपूर्वक वाल्मीकि मंदिर में लाल रंग का झंडा चढ़ाकर संतों का आदेश पूरा दिया।

वाल्मीकि संगत के जनसैलाब को नहीं रोक पाया पुलिस बल

झंडे के विवाद को लेकर रविवार से ही जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता प्रबंध कर रखे थे और संत समाज के चले लंबे सम्मेलन के बाद आक्रोश में आई वाल्मीकि संगत के जनसैलाब को पुलिस बल नहीं रोक पाया, धार्मिक स्थल के करण पुलिस चुपचाप मूक दर्शन होकर देखती रही और संगत ने बलपूर्वक वाल्मीकि मंदिर में झंडा चढ़ा दिया। इसके उपरांत संत समाज ने वाल्मीकि मंदिर के बाहर तीर कमान का निशांत साहिब स्थापित कर दिया।

वाल्मीकि संगठनों के प्रतिनिधि मीटिंग का इंतजार करते रहे व संतों ने चढ़ा दिया झंडा

वाल्मीकि तीर्थ ब्रह्मालय में धार्मिक ध्वज चढ़ाने को लेकर आपसी सहमति के लिए धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि बचत भवन में संत समाज के साथ मीटिंग के लिए बैठे हुए थे कि दोनों गुट के लोग आपस में मिल बैठकर सहमति प्रकट कर सकें, ताकि समाज के अंदर अच्छा मैसेज जा सके, जबकि संगठनों के प्रतिनिधि मीटिंग की इंतजार में थे और संत समाज ने बिना सहमति भगवान वाल्मीकि मंदिर में लाल रंग का झड़ा चढ़ा दिया।

28 तक कार्रवाई न हुई तो धार्मिक संगठन भंडारी पुल पर करेंगे चक्का जाम

भगवान वाल्मीकि तीर्थ मंदिर में लाल रंग का झंड चढ़ने पर वाल्मीकि संगठनों के प्रतिनिधियों में भारी रोष व्यापक है। रणजीत एवेन्यू बचत भवन में संगठनों की हुई मीटिंग में शुक्राचार्य दर्शन रतन रावन, संत विवेक ऋषि, संत अशोक लंकेश ऋषि, संत नेक ऋषि, बालचंद, मुकेश अनार्य, सचिन असुर रावण, कुमार दर्शन, पवन द्रविड़, ओम प्रकाश अनार्य, शशि गिल, रतन हंस, कमल नाहर, राकेश रिंकू, सुरेंद्र गिल शक्ति कल्याण, तिलकराज सहोता संयुक्त तौर पर कहा कि भगवान वाल्मीकि महाराज की प्रतिमा के ऊपर चढ़कर झंड़ा चढ़ाने की जो बेअदबी हुई है, वह समूचे वाल्मीकि समाज के लिए काला दिवस है। उपरोक्त धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि पुलिस ने भी उनके साथ धोखा किया है, उन्हें बचत भवन में बैठाकर उन्हें संतों के साथ मीटिंग का भरोसा दिलवाते रहे और लाल रंग का झंड़ा चढ़वा कर मूक दर्शन बनकर तमाशा देखते रहे।

भगवान वाल्मीकि महाराज जी की पवन प्रतिमा पर खड़े होकर झंड़ा चढ़ाकर की बेअदबी

दर्शन रत्न रावन ने कहा कि जिन लोगों ने भगवान वाल्मीकि महाराज जी की पवन प्रतिमा पर खड़े होकर झंड़ा चढ़ाकर बेअदबी की है, उन सबके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और साथ ही उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी मुकद्दमा दर्ज किया जाए, जिन्होंने उन्हें धोखे में रखकर वाल्मीकि ब्रह्मालय झंड़ा चढ़वाया है। अगर पुलिस प्रशासन ने 28 अक्तूबर तक कार्रवाई न की तो पंजाब भर के धार्मिक संगठनों के संत व प्रतिनिधि 29 अक्तूबर को भंडारी पुल चक्का जाम करने को मजबूर हो जाएंगे।

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