Edited By Kalash,Updated: 29 Mar, 2022 11:03 AM

शिरोमणि अकाली दल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से पंजाब पुनर्गठन अधिनियम का केंद्र द्वारा तथाकथित उल्लंघन पर सर्वदलीय मीटिंग बुलाने की अपील
चंडीगढ़ (अश्वनी कुमार): शिरोमणि अकाली दल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से पंजाब पुनर्गठन अधिनियम का केंद्र द्वारा तथाकथित उल्लंघन पर सर्वदलीय मीटिंग बुलाने की अपील की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा चंडीगढ़ के कर्मचारियों को केंद्रीय सिविल सर्विसेज नियमों के तहत लाने की घोषणा की निंदा करते हुए अकाली दल ने कहा कि यह आम आदमी पार्टी पर निर्भर करता है कि वह केंद्र को समझाए कि चंडीगढ़ केवल एक अस्थाई व्यवस्था के अनुसार केंद्रीय शासित प्रदेश है।
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चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में शिअद के वरिष्ठ नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, चरणजीत सिंह अटवाल, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, गुलजार सिंह रणीके, डॉ. दलजीत सिंह चीमा और हीरा सिंह गाबडिया सहित वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री से राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में प्रधानमंत्री के साथ अपनी मीटिंग के दौरान भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) में पंजाब की हिस्सेदारी कम करने का मुद्दा नहीं उठाया।
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इन नेताओं ने कहा यह निंदनीय है कि भगवंत मान ने इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के सामने नहीं उठाया, वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पहले ही पंजाब का पानी हरियाणा की तरफ छोड़ने की मांग कर दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मनोहर लाल खट्टर के बयान पर चुप रहने का फैसला किया है।
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इन सभी मुद्दों को ऑल पार्टी मीटिंग में उठाया जाना चाहिए। चंदूमाजरा ने कहा कि चंडीगढ़ के कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सिविल सेवा नियमों का विस्तार करने का हालिया निर्णय न केवल पंजाब पुनर्गठन अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि राजीव गांधी- संत हरचंद सिंह लौंगोवाल समझौते और कई बाद के कमीशन का भी उल्लंघन है, जिनमें सभी ने माना था कि चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब का हिस्सा बहुत ज्यादा है और केंद्र शासित प्रदेश का रुतबा सिर्फ अस्थाई प्रबंध चंडीगढ़ पंजाब को देने तक के लिए किया गया फैसला है। नेताओं ने घोषणा करते हुए कहा कि
अकाली दल का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें पूरे घटनाक्रम से अवगत करवाएगा। अकाली नेताओं ने यह भी मांग की कि पंजाब सरकार पैट्रोलियम पदार्थों पर वैट को तुरंत कम करें, ताकि आम आदमी को तुरंत राहत दी जा सके।
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