Edited By Rahul Singh,Updated: 13 Sep, 2024 04:26 PM
‘विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की स्थापना एक ऐसी शिक्षण पद्धति विकसित कर समाज के सामने प्रस्तुत करना था जो भारतीय संस्कारों पर आधारित होते हुए भी उच्च गुणवत्तापूर्ण आधुनिक शिक्षा बालकों के दे सके।
जालंधर : ‘विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की स्थापना एक ऐसी शिक्षण पद्धति विकसित कर समाज के सामने प्रस्तुत करना था जो भारतीय संस्कारों पर आधारित होते हुए भी उच्च गुणवत्तापूर्ण आधुनिक शिक्षा बालकों के दे सके। स्थापना के इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए विद्या भारती ने शिक्षण पद्धति का एक प्रतिमान समाज के सामने प्रस्तुत किया है। विद्या भारती में शिक्षा का संपूर्णता के साथ चिंतन किया गया है। मात्र पुस्तकीय ज्ञान के द्वारा ही बालकों सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। इसीलिए विद्या भारती में उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ व्यक्तित्व विकास के अनेक आयामों का भी निर्माण किया गया है। इन आयामों के प्रमुख तय किए गए हैं।
विद्या मंदिर से लेकर अखिल भारतीय स्तर तक इन आयामों के अंतर्गत शोध के लिए केंद्र स्थापित किए गए हैं जहां समय समय पर विचार विमर्श होता रहता है। इन्हीं के आधार पर विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान देश का बिना कोई सरकारी सहायता प्राप्त किए भी सबसे बड़ा शिक्षा सेवी संगठन बन चुका है। हमारे विद्या मंदिर देश के कोने कोने में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। ’ ये शब्द विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के महामंत्री देशराज शर्मा ने विद्या भारती पंजाब के मुख्यालय विद्या धाम के ‘डा। अंबेडकर सभागार’ में उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहे। उल्लेखनीय है कि आज 13 सितंबर को प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक विद्या धाम में विद्या भारती पंजाब के विभिन्न आयामों के प्रमुखों की एक आवश्यक ‘चिंतन व क्रियान्वयन बैठक’ संपन्न हुई जिसमें पंजाब विद्या भारती के चयनित 51 शिक्षाविदों, चिंतकों और प्रशासनिक अधिकारयों ने भाग लिया।
देशराज शर्मा ने आगे कहा कि विद्या भारती में ऐसी चिंतन बैठक 12 वर्षों के बाद होती है। राष्ट्रीय ‘चिंतन व क्रियान्वयन बैठक’ हो जाने के बाद, वहां से प्राप्त बिंदुओं के आधार पर इस बैठक में विचार विमर्श होगा। इन बिंदुओं को पंजाब के विद्या मंदिरों में लागू करने के विषय पर चिंतन होगा। इसी प्रकार की बैठकें विद्या मंदिर स्तर तक की जाएंगी । इन बैठकों से प्राप्त निष्कर्षों को पंजाब के सभी सर्वहितकारी विद्या मंदिरों में लागू किया जाएगा । यह बैठक कुल चार सत्रों में पूर्ण हुई जिसमें जलंधर से संगठन मंत्री राजेंद्र कुमार, उपाध्यक्षा रेखा कालिया, फरीदकोट से महामंत्री डा. नवदीप शेखर, मोहाली से पंजाब के संरक्षक जयदेव बातिश, उपाध्यक्ष सुभाष महाजन आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।