Edited By Vatika,Updated: 24 Jun, 2021 05:24 PM

भाजपा के राष्ट्रीय जनरल सचिव तरुण चुघ ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को सरकारी कर्मचारियों की सहमति के बिना
चंडीगढ़: भाजपा के राष्ट्रीय जनरल सचिव तरुण चुघ ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को सरकारी कर्मचारियों की सहमति के बिना स्वीकार करने और सरकारी कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने के लिए उकसाने के लिए कैप्टन सरकार को आड़े हाथों लिया है।
इसके साथ ही उन्होंने राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के इस्तीफ़े की मांग करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों की कठिनाइयों के मद्देनजर वेतन आयोग की सिफारिशों की समीक्षा करने में वह विफल रहे है। इस समीक्षा में न कर्मचारियों ढंग से पूछा गया है न ही उनकी कोई सलाह स्वीकार की गई है। भाजपा नेता चुघ ने आगे बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार को वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने से पहले सरकारी कर्मचारियों की शिकायतें सुनने के लिए चर्चा करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि लेकिन ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री कर्मचारियों को राहत देने की बजाय राजनीतिक लाभ के लिए फ़ाल्तू साजिश रच रहे हैं।
कैप्टन सरकार पर बरसते तरुण चुघ ने कहा कि पंजाब में जैसा शासन है, उसे देखते हुए लगता है कि चारों तरफ़ मातम का माहौल बना हुआ है। यदि राज्य में शराब माफिया, रेत माफिया और ट्रांसपोर्ट माफिया चल रहे हैं तो सरकारी कर्मचारियों को कैप्टन सरकार से ज़्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहिए थी। चुघ ने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो कर्मचारियों की मांगो के अनुसार छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करेंगी। कोरोना जैसी महामारी समय में डॉक्टरों की मांगों के प्रति अमरिंदर सरकार का रवैया बहुत ही असंवेदनशील था। राज्य सरकार को वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने से पहले सरकारी कर्मचारियों के साथ उनकी शिकायतों को सुनने के लिए चर्चा करनी चाहिए थी।