Edited By Urmila,Updated: 12 Jun, 2024 05:29 PM
पटियाला पुलिस ने एस.एस.पी. वरुण शर्मा के नेतृत्व में 2 अहम अंधे कत्ल केस ट्रेस करने में सफलता प्राप्त की है।
पटियाला/नाभा/भादसों (बलजिन्द्र, खुराना, सतीश, अवतार) : पटियाला पुलिस ने एस.एस.पी. वरुण शर्मा के नेतृत्व में 2 अहम अंधे कत्ल केस ट्रेस करने में सफलता प्राप्त की है। इस संबंधी विस्तार के साथ जानकारी देते हुए एस.पी. इन्वैस्टीगेशन योगेश शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों हुए 2 अंधे कत्लों को ट्रेस करने के लिए डी.एस.पी. नाभा दविन्दर अत्री, डी.एस.पी. डी. अवतार सिंह, सी.आई.ए. स्टाफ पटियाला के इंचार्ज इंस्पैक्टर शमिंदर सिंह, एस.एच.ओ. सदर नाभा सुखदेव सिंह और एस.एच.ओ. भादसों इन्द्रजीत सिंह की टीम का गठन किया गया था।
इस टीम ने दोनों मामलों को ट्रेस कर लिया है। एस.पी. शर्मा ने बताया कि पहले केस में 6-7 गांव दन्दराला खरोड़ थाना भादसों में जगदेव सिंह उर्फ जगी उर्फ गोरा पुत्र स्व. शेर सिंह उर्फ शमसेर सिंह निवासी दन्दराला खरोड़ का घातक हथियारों के साथ चोट मारकर कत्ल कर दिया गया था। इस मामले में मृतक जग्गी की माता महेन्दर कौर ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसका बेटा जगदेव जग्गी घर के आंगन में कूलर लगा कर खाट पर सोया पड़ा तो अज्ञात व्यक्ति ने चोटें मार कर उसका कत्ल कर दिया।
पुलिस ने केस दर्ज करके जब जांच शुरू की तो सामने आया कि मृतक जगदेव सिंह उर्फ जगी की भी क्रिमिनल पृष्ठभूमि थी जिस पर लूटपाट आदि केस दर्ज हैं और वह जेल भी जा चुका था और इसी गांव का ही नरिन्दर सिंह पूर्व फौजी है जो अब हॉर्लिक्स फैक्ट्री नाभा में सिक्योरिटी ड्यूटी करता है और दोनों ही एक गांव दन्दराला खरोड़ के रहने वाले हैं। जो तफतीश के दौरान यह बात सामने आई कि करीब साल पहले नरिन्दर सिंह पूर्व फौजी और मृतक जगदेव सिंह जगी उर्फ गोरा का आपस में झगड़ा हुआ था। उस समय से मृतक जगदेव सिंह उर्फ जगी उर्फ गोरा जब नरिन्दर सिंह फ़ौजी को किसी भी जगह मिलता था तो वह अपशब्द बोल कर बेइज्जती करता रहता था। इस पर नरिन्दर सिंह फौजी को कई बार जगदेव सिंह जगी को कई बार समझाया था। जिस करके इनका इस बात को ले कर पहले कई बार तकरार और झगड़ा भी हुआ है।
6 जून को भी मृतक जगदेव सिंह उर्फ जगी ने नरिन्दर सिंह फौजी को बुरी भाषा में अशब्द बोले थे जिस करके दिन समय इनका तकरार भी हुआ था और रात को जब जगदेव सिंह उर्फ जग्गी अपने घर के आंगन में अकेला सोया पड़ा था तो मौका देख कर आरोपी नरिन्दर सिंह फौजी ने घातक हथियार (भारी बांस के डंडे) के साथ जगदेव सिंह के सिर पर वार करके कत्ल कर दिया था और खुद घर जा कर सो गया। पुलिस ने अलग-अलग पहलू पर काम करते हुए कत्ल केस को सुलझा कर नरिन्दर सिंह फौजी पुत्र निर्मल सिंह निवासी दन्दराला खरोड़ थाना भादसों को बस अड्डा दित्तूपुर से गिरफ्तार कर लिया है और वारदात में इस्तेमाल किए हथियार को भी बरामद कर लिया है। नरिन्दर सिंह फौजी ने कत्ल दौरान उसके अपने कपड़े जिन पर भी खून लग गया था को कत्ल के बाद घर जाकर धो दिए था।
एस.पी. योगेश शर्मा ने बताया कि दूसरे केस में सुखदेव सिंह कत्ल केस में अमनदीप कौर ने पुलिस को सूचना दी कि उसका पति सुखदेव सिंह 1 मई को साइकिल पर नाभा शहर में काम के लिए गया था जिसकी लाश गांव ककराला गंदा नाला पुल के नजदीक खेतों में खून के साथ लथपथ हुई मिली थी। पोस्टममार्टम के दौरान मृतक सुखदेव सिंह उर्फ सोनी के फायर लगने कारण मौत होनी सामने आई थी।
पुलिस ने इस संबधी शक के आधार पर चमकोर सिंह पुत्र प्यारा सिंह निवासी गांव अगेती थाना सदर नाभा आदि के खिलाफ केस दर्ज करके इस मामले में टैक्नीकल का विश्लेषण करके, मौका वारदात का बारीकी के साथ मुआयना किया और सम्बन्धित व्यक्तियों और राहगीरों विस्तार के साथ पूछताछ की जिस से यह बात सामने आई कि मृतक सुखदेव सिंह सोनी और आरोपी का पैसों के लेने देने को ले कर झगड़ा चलता था जिसके अंतर्गत मृतक सुखदेव सिंह सोनी का चमकौर सिंह पुत्र प्यारा सिंह निवासी गांव अगेती ने 10 लाख रुपए का लेने देने संबंधी केस थाना सदर नाभा दर्ज है। इसके इलावा मृतक सुखदेव सिंह सोनी ने पहले भी थाना सदर संगरूर और थाना सदर नाभा में 2 केस अन्य पार्टी के खिलाफ दर्ज कराए थे जो भी झूठे पाए गए थे जिनके साथ भी इसका जमीनी विवाद चलता था।
उन्होंने बताया कि तफतीश के दौरान यह बात सामने आई कि मृतक सुखदेव सिंह सोनी काफी देर से चमकौर सिंह के खिलाफ भी कोई झूठा मुकदमा दर्ज करवाके फंसाना चहाता था जिस सम्बन्धित इसने गांव में कुछ नजदीकियों के साथ भी यह बात की जिनको भी शामिल जांच किया गया। इस काम के लिए इसने एक देसी हथियार भी ले लिया था और गिनी मानी साजिश अधीन अपने आप ही कंधे पर फायर करके अस्पताल में दाखिल होने का प्लान बनाया था। परंतु गोली लगने कारण ज्यादा खून बहने करके इसकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस संबंधी घटना वाले दिन उसने अपने करीबियों को इस बारे बता दिया था और हथियार भी दिखा दिया था। पुलिस ने इस मामले में देसी पिस्तौल 32 बोर के साथ अपने कंधे के पास गोली मारी थी वह पिस्तौल 32 बोर घटना वाली जगह के नज़दीक से पुलिस ने बरामद कर लिया है। जो इस तरह पटियाला पुलिस ने इतना दोनों अंधे मामलों को पुरी तरह हल कर लिया है। इस मौके डी.एस.पी. नाभा दविन्दर अत्री, सी. आई. ए. स्टाफ इंचार्ज इंस्पैक्टर शमिन्दर सिंह, एस.एच.ओ. सदर नाभा सुखदेव सिंह और एस.एच.ओ. भादसों इन्द्रजीत सिंह भी उपस्थित थे।
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