Edited By Tania pathak,Updated: 16 Apr, 2021 04:41 PM
कनाडा में पढ़ रहे पंजाबी स्टूडेंट्स के लिए एक अच्छी खबर है। जी हां! कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो की तरफ से दूसरे देशों से आए विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया गया है।
पंजाब: कनाडा में पढ़ रहे पंजाबी स्टूडेंट्स के लिए एक अच्छी खबर है। जी हां! कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो की तरफ से दूसरे देशों से आए विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया गया है। प्रधानमंत्री ट्रुडो की सरकार अब एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम (ईईएस) ड्रा की घोषणा कर दी है। इसका सीधा असर अब कनाडा में पढ़ने वाले विदेशी स्टूडेंट्स को पड़ेगा। आपको बता दें कि एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम (ईईएस) ड्रा करने से एक लाख विदेशी छात्रों को वहां पीआर मिलेगी।
जानकारी के लिए बता दें कि कनाडा में सरकार विदेशी छात्रों को पढ़ाई के दौरान पार्ट टाइम जॉब का विकल्प देती है। जिससे स्टूडेट्स पढ़ाई के साथ-साथ पैसे भी कमा लेते हैं। पार्ट टाइम जॉब हफ्ते में 10 से 20 घंटे के लिए होता है। इसके अलावा सरकार की तरफ से अन्य सुविधाएं भी विदेशी छात्रों को दी जाती है, जिससे भारतीय विशेषकर पंजाबी कनाडा जाने के लिए ज्यादा आकर्षित होते है।
पंजाब के स्टूडेंट्स को होगा अधिक फायदा
आपको जानकारी दें कि कनाड़ा में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पढ़ते हैं। यहां फिलहाल कुल 642,480 विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं, जिनमें भारतीय छात्रों की संख्या 219,855 है। इसी के साथ भारतीय स्टूडेंट्स में पंजाबी सबसे अधिक है। कनाडा पंजाबी स्टूडेंट्स की हमेशा से ही पहली पसंद रहा है। कनाडा में पंजाबियों को पढ़ाई के दौरान जॉब और पीआर (परमानेंट रेजिडेंस) की सुविधा आसानी से मिल जाती है, जिससे पंजाब के स्टूडेंट्स कनाडा में ही पक्के तौर पर घर बसाने के लिए उत्सुक रहते है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कनाडा के कॉलेजों में 1.25 लाख पंजाबी स्टूडेंट्स एनरॉल हैं।
एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम (ईईएस) ड्रा करने का किसको होगा फायदा?
कनाडा के इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटीजनशिप मिनिस्टर मारको ई एल मेंडिसिनो ने आधिकारिक तौर पर बताया है कि जो विदेशी छात्र ग्रेजुएशन के बाद इस कोरोना काल में देश के विकास में अपना सहयोग दे रहे हैं उनके लिए यह विशेष ड्रा लाया गया है। इसके अंतर्गत अस्पतालों मे काम करने वाले 20 हजार स्टूडेंट्स के साथ-साथ अन्य जरुरी सेवाओं में काम करने वाले 40 हजार और दूसरे क्षेत्रों में काम कर रहे ग्रेजुएट विदेशी छात्रों को पीआर दी जाएगी। इस सिस्टम में फ्रेंच भाषा और दो अन्य भाषाओं के स्टूडेंट्स को भी पीआर मिलेगी। इतना ही नहीं अब सरकार की तरफ से कनाडा में वर्किंग लोगों की संख्या बढ़ाने के लिए वर्क परमिट पर एक साल के अनुभव की शर्त भी खत्म कर दी गई है और आइलेट्स में भी 5 बैंड निर्धारित कर दिए गए है। लेकिन इसके लिए ग्रेजुएशन पूरी होना जरूरी है।
गौरतलब है कि अभी बीती फरवरी में ही ट्रूडो सरकार ने कोरोना वायरस के चलते स्टडी बेस पर कनाडा जाने वाले छात्रों के लिए वीजा नियमों में बदलाव किया था। उनकी तरफ से विदेशी छात्रों को हर महीने 2,000 डॉलर का मासिक लाभ देने का भी ऐलान किया गया था।