Edited By Suraj Thakur,Updated: 10 Dec, 2020 12:09 PM
रिपोर्ट के अनुसार 67 निम्न और निम्न-मध्य-आय वाले देशों को इसलिए वैक्सीन नहीं मिल पाएगी क्योंकि अमीर देश सिर्फ अपना फायदा देख रहे हैं।
पंजाब डैस्क। पीपुल्स वैक्सीन एलायंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 67 गरीब देश अगले साल तक अपने मात्र दस फीसदी नागरिकों को ही वैक्सीन उपलब्ध करवा पाएंगे। कोरोना से निपटने के लिए ट्रायल के चरण में ही अमीर इतनी वैक्सीन खरीद चुके हैं जितनी इन गरीब देशों को 2021 के अंत तक तीन बार दी जा सकती है। यह कनाडा में रह रहे भारतीय व सर्वाधिक पंजाबी मूल के प्रवासियों के लिए अच्छी खबर है कि कनाडा के पास इतनी वैक्सीन हो जाएगी कि वह अपने नागरिकों को पांच बार वैक्सीन प्रोवाइड कर सकता है।
मौजूदा आंकडे कहते हैं कि दुनिया में बनने वाली कारगिर वैक्सीन का 53 फीसदी हिस्सा अमीर देश खरीद चुके हैं, जो कि विश्व की 14 फीसदी आबादी के लिए पर्याप्त है। डाउन टू अर्थ पोर्टल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक एमनेस्टी इंटरनेशनल, फ्रंटलाइन एड्स, ग्लोबल जस्टिस नाउ और ऑक्सफैम जैसे संगठन, पीपुल्स वैक्सीन एलायंस गठबंधन का हिस्सा हैं। इस एलायंस ने आठ अग्रणी वैक्सीन कंपनियों और देशों के बीच किए हुए सौदों का विश्लेषण करने के लिए एनालिटिक्स कंपनी एयरफिनिटी द्वारा एकत्र आंकड़ों का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट के अनुसार 67 निम्न और निम्न-मध्य-आय वाले देशों को इसलिए वैक्सीन नहीं मिल पाएगी क्योंकि अमीर देश सिर्फ अपना फायदा देख रहे हैं। गौरतलब है कि इन 67 में से पांच देश (केन्या, म्यांमार, नाइजीरिया, पाकिस्तान और यूक्रेन) ऐसे हैं जहां अब तक कोविड-19 के 15 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
कोविड-19 दुनिया के 218 देशों में फैल चुका है। यह वायरस अब तक 6.8 करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। इसके चलते अब तक करीब 1,565,254 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 4.7 करोड़ से ज्यादा मरीज अब तक इस बीमारी से उबर चुके हैं। भारत में भी यह वायरस अब तक 97,35,850 लोगों को संक्रमित कर चुका है। जबकि इस संक्रमण से अब तक 141,360 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।