Edited By Kamini,Updated: 21 Jun, 2024 02:09 PM
जिसके तहत स्वच्छ भारत मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर द्वारा खुद लुधियाना आकर नगर निगम अफसरों की क्लास ली गई है।
लुधियाना (हितेश) : सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियमों के पालन के मामले में नगर निगम के प्रशासन के फिसड्डी साबित होने के बाद महानगर में कूड़े की छंटाई यकीनी बनाने का कंट्रोल सरकार ने अपने हाथों में लिया है। जिसके तहत स्वच्छ भारत मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर द्वारा खुद लुधियाना आकर नगर निगम अफसरों की क्लास ली गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक पूर्ण सिंह द्वारा पहले शहर में कई जगह विजिट करके कूड़े की लिफ्टिंग के सिस्टम का जायजा लिया और फिर कमिश्नर की मौजूदगी में हेल्थ ब्रांच के स्टाफ के साथ मीटिंग की गई। उन्होंने कहा कि कूड़े की छंटाई से फल-सब्जियों व पत्तों की वेस्ट से खाद बनाने और कपड़े, पेपर, रबड़, लोहे, प्लास्टिक, कांच को कबाड़ में बेचने या रीसाइकिल करने से कूड़ा का वजन कम होने से लिफ्टिंग से लेकर प्रोसेसिंग तक का बोझ कम होगा। उन्होंने कहा कि इस टार्गेट को हासिल करने के लिए सफाई कर्मियों को छंटाई के बाद ही कूड़े की डोर-टू-डोर कलेक्शन करने और कूड़ा उसी तरह कंटेनर साइट व डंप तक पहुंचना चाहिए।
इसी तरह प्लास्टिक री-साइक्लिंग के लिए चलाई जा रही मुहिम का रिकॉर्ड रखने के लिए बोला गया है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने नगर निगम कमिश्नर से कहा है कि इस मामले में सेनेटरी इंस्पेक्टरों की जिम्मेदारी फिक्स करके रोजाना के हिसाब से रिपोर्ट ली जाए और कोताही बरतने वाले मुलाजिमों पर कार्रवाई की जाएगी।
एनजीटी के निर्देशों का दिया गया है हवाला
कूड़े की छंटाई, डोर-टू-डोर कलेक्शन व प्रोसेसिंग संबंधी निर्देश नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए हैं। लेकिन यह काम डेडलाइन के मुताबिक न होने पर एनजीटी द्वारा चीफ सेक्रेटरी को तलब किया गया है। जिसके मद्देनजर लोकल बॉडीज विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी द्वारा हाल ही में नगर निगम अफसरों को फटकार लगाई गई थी। इसे लेकर कमिश्नर कहना है कि नगर निगम द्वारा कंपैकटर लगाने से खुले में कूड़ा जमा रहने की समस्या का समाधान हो रहा है और यहीं पर कूड़े की छंटाई का इंतजाम किया गया है।
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