Edited By Sunita sarangal,Updated: 17 Oct, 2019 02:32 PM
उपभोक्ता अदालत के फैसले के मुताबिक ट्रस्ट पहले 54.60 लाख रुपए जमा करवाए उसके बाद ही सुना जाएगा पक्ष
जालंधर(चोपड़ा): पंजाब नैशनल बैंक की देनदारी, सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद किसानों को दी जाने वाली एन्हांसमैंट और विभिन्न अदालतों में आए दिन केसों को हारने वाले इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट की आर्थिक बदहाली की दास्तां आज किसी से भी छिपी नहीं है परंतु जिस ढंग से ट्रस्ट पर देनदारियों का लगातार दबाव बढ़ता ही जा रही है उससे लगता है कि इसकी कायाकल्प का सोचना भी एक सपना बनकर ही न रह जाए।
ट्रस्ट की दिक्कतों में इजाफा करते हुए बीबी भानी काम्पलैक्स से संबंधित 4 केसों की अपीलों को एडमिट करने से इंकार करते हुए ट्रस्ट को निर्देश दिए हैं कि वह पहले जिला उपभोक्ता अदालत द्वारा 4 केसों में अलाटियों को दिए जाने वाले फंड्स को स्टेट कमिशन में जमा करवाए उसके उपरांत ही ट्रस्ट का पक्ष सुना जाएगा। अब ट्रस्ट को एक महीने के भीतर स्टेट कमिशन में करीब 54.60 लाख रुपया जमा करवाना है उसके उपरांत ही कमिशन ट्रस्ट की चारों अपीलों पर सुनवाई करेगी। कमिशन के नए आदेशों ने चेयरमैन दलजीत आहलूवालिया व अधिकारियों की दिक्कतों को और ज्यादा बढ़ा दिया है।
आखिर क्या है मामले
सुविधाएं न मुहैया करवाए जाने पर कर्ई वर्षों तक ट्रस्ट के चक्कर मारने के उपरांत बीबी भानी काम्पलैक्स से संबंधित 4 अलाटियों ने जिला उपभोक्ता अदालत में केस दायर कर दिए। उपभोक्ता अदालत ने 24 जुलाई को ट्रस्ट के खिलाफ फैसला देते हुए अलाटियों को असल रकम, ब्याज, मुआवजा, कानूनी खर्च देने के आदेश दिए थे। ट्रस्ट ने 26 सितम्बर को इन चारों केसों की अपील स्टेट कमिशन में दायर की। परंतु अपील लेट दायर होने पर कमिशन से ट्रस्ट को 3 हजार रुपए लेट फीस जुर्माना व 25 हजार रुपए मुआवजा हरेक केस जमा करवाने को कहा जिस पर ट्रस्ट ने कमिशन में 1,12,000 रुपए जमा करवा दिए थे, जिसके बावजूद ट्रस्ट की कारगुजारी से संतुष्ट न होते हुए कमिशन ने ट्रस्ट को 11 अक्तूबर को निचली अदालत के आदेशों के मुताबिक अलाटियों को दी जाने वाली टोटल अमाऊंट को भी डिपाजिट करवाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
जिला उपभोक्ता अदालत के अलाटियों के पक्ष में क्या फैसले दिए थे
केस नम्बर 1- फ्लैट नम्बर 90-ए/ फर्स्ट फ्लोर के अलाटी एस.के. मरवाहा के केस में जिला उपभोक्ता अदालत ने ट्रस्ट को अलाटी की प्रिंसीपल अमाऊंट 5,88,000 पर 6,35,000 रुपए ब्याज के साथ 20 हजार रुपए मआवजा व 70 हजार रुपए कानूनी खर्च देने का फैसला सुनाया था, जिसके मुताबिक ट्रस्ट को मरवाहा को 13.13 लाख रुपए देने थे।
केस नम्बर 2- अमिता पटेल के फ्लैट 87-ए/ग्राऊंड फ्लोर से संबंधित केस में ट्रस्ट के खिलाफ फैसला करते हुए उपभोक्ता अदालत ने अलाटी के 7,05,000 प्रिंसीपल अमाऊंट के ऊपर 7,61,000 रुपए ब्याज, 20,000 रुपए मुआवजा व 7 हजार रुपए कानूनी खर्च की अदायगी देने को कहा था, जिसकी कुल रकम 14.93 लाख रुपए बनती है।
केस नम्बर 3- होशियारपुर निवासी 33-ए/ग्राऊंड फ्लोर अलाटी अरुण कुमार शर्मा के केस में उपभोक्ता अदालत ने अलाटी द्वारा ट्रस्ट को जमा करवाई 6,26,000 रुपयों की असल रकम और उस पर बनते 6,77,000 रुपयों के ब्याज के अलावा 20 हजार रुपए मुआवजा, 7 हजार रुपए कानूनी खर्च मिलाकर कुल 13,29,000 रुपए अलाटी को देने का फैसला सुनाया था।
केस नम्बर 4- फिल्लौर निवासी महिन्द्रा देवी के फ्लैट 54-ए/ ग्राऊंड फ्लोर के फैसले में अलाटी के पक्ष में फैसला करते हुए जिला उपभोक्ता अदालत ने ट्रस्ट को आदेश जारी किए थे कि वह अलाटी को फ्लैट के बदले जमा करवाए 6,24,000 रुपए के ऊपर बनता 6,74,000 रुपए की अदायगी करे और इसके साथ ही अलाटी को 20 हजार रुपए मुआवजा व 7 हजार रुपए कानूनी खर्च भी दिया जाए।