2 अक्तूबर तक गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग न किया तो लगेगा Fine

Edited By swetha,Updated: 22 Aug, 2019 10:01 AM

jalandhar municipal corporation

रैग पिकर्स के सैल्फ हैल्प ग्रुप बनेंगे

जालंधर(खुराना): केन्द्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने सभी शहरों को निर्देश भेजे हैं कि 2 अक्तूबर तक सभी घरों व संस्थानों इत्यादि में सोर्स सैग्रीगेशन आवश्यक की जाए यानी निगम लोगों से गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग तौर पर ले। इन निर्देशों के दृष्टिगत जालंधर निगम कमिश्रर ने शहर को गारबेज फ्री करने का जो प्लान बनाया है उसकी जानकारी मीडिया को देते हुए कमिश्रर दीपर्व लाकड़ा ने बताया कि शहरी विकास मंत्रालय ने इस हेतु 2 अक्तूबर, 2019 की डैडलाइन दी है। उसके बाद सभी को अपना गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग कर देना होगा, वर्ना पहले चरण में निगम कूड़ा लेने से इंकार कर देगा और बाद में जुर्माने किए जाएंगे।

पावर प्वाइंट प्रैजैंटेशन के माध्यम से शहर के सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट सिस्टम के बारे में विस्तार से बताते हुए निगम कमिश्रर ने कहा कि इसे विभिन्न चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग करने के बारे में जोरदार जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।  दूसरे चरण में सभी रैग पिकर्स को ई-रिक्शा व ई-टिप्पर इत्यादि दिए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से हर वार्ड का गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग रूप से उसी वार्ड के एक निश्चित प्वाइंट पर पहुंचेगा, जहां उस कूड़े को विभिन्न तरीकों से मैनेज किया जाएगा। इन तरीकों में पिट कम्पोस्टिंग के अलावा जहां जरूरत होगी वहां छोटी मशीनों की मदद से कूड़े को खत्म किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रैग पिकर्स द्वारा सूखा कूड़ा ले जाने के बावजूद जो बचेगा, उसे बेङ्क्षलग मशीन के माध्यम से कम्पैक्ट शेप में लाकर बेचा जाएगा। विभिन्न पार्कों में श्रैडर मशीनें लगाकर ग्रीन वेस्ट को पार्कों में ही खत्म कर खाद में परिवर्तित किया जाएगा।

रैग पिकर्स के सैल्फ हैल्प ग्रुप बनेंगे
निगम कमिश्रर ने बताया कि अब तक प्राइवेट रूप से काम कर रहे रैग पिकर्स अब नए सॉलिड वेस्ट नियमों के तहत निगम टीम का हिस्सा होंगे और उनके सैल्फ हैल्प ग्रुप बनाकर उन्हें वार्ड वाइज तैनात किया जाएगा तथा उन्हें निगम की ओर से मशीनरी दी जाएगी व आई कार्ड मिलेंगे। उन्होंने बताया कि फिलहाल 600 रैग पिकर्स की पहचान कर ली गई है, जिन्हें नए सिस्टम में एडजस्ट किया जाएगा।

स्मार्ट सिटी के तहत खरीदी जाएगी मशीनरी
निगम कमिश्रर ने बताया कि इस अभियान हेतु स्मार्ट सिटी मिशन तथा स्वच्छ भारत मिशन के तहत मशीनरी की खरीद की जाएगी, जिसमें ई-रिक्शा, ई-टिप्पर इत्यादि शामिल होंगे। पहले चरण में कुछ ई-रिक्शा जल्द ही जालंधर निगम को मिलने जा रहे हैं। इसके अलावा शहर के कूड़े को खत्म करने हेतु 1000 के करीब पिट बनाए जाएंगे, जिनमें से 250 पिट यूनिट के टैंडर हो चुके हैं। अभी शहर में 30 पिट ही बने हैं।

कोहिनूर रबड़ के पीछे लगेगा प्लांट
निगम कमिश्रर ने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत करीब 1000 एकड़ रकबे को एरिया बेस्ड डिवैल्पमैंट के तहत चुना गया है, जिसके लिए अलग से वेस्ट प्रोसैसिंग एंड मैटीरियल रिकवरी प्लांट लगाया जाएगा। इसके लिए कपूरथला रोड पर कोहिनूर रबड़ के पीछे जगह का चयन कर लिया गया है। इसके अलावा मकसूदां मंडी में गीले कूड़े को मैनेज करने वाली छोटी मशीन लगने जा रही है। स्मार्ट सिटी के तहत ही 2 स्वीपिंग मशीनों का टैंडर स्वीकार हो चुका है। जल्द ही यह काम भी शुरू हो जाएगा।

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