Edited By swetha,Updated: 18 Jul, 2019 09:26 AM
भारी बारिश के कारण सब डिवीजन जैतो के गांव रण सिंह वाला और बहबल खुर्द के नजदीक माड़ी ड्रेन में दरार पड़ गई और किसानों की 250 एकड़ फसल पानी में डूब गई। जानकारी के अनुसार गांव रण सिंह वाला और बहबल खुर्द की हद पर भारी बारिश और माड़ी ड्रेन की सही ढंग से...
जैतो(वीरपाल/ गुरमीत): भारी बारिश के कारण सब डिवीजन जैतो के गांव रण सिंह वाला और बहबल खुर्द के नजदीक माड़ी ड्रेन में दरार पड़ गई और किसानों की 250 एकड़ फसल पानी में डूब गई। जानकारी के अनुसार गांव रण सिंह वाला और बहबल खुर्द की हद पर भारी बारिश और माड़ी ड्रेन की सही ढंग से सफाई न होने के कारण दरार पड़ गई और 2 गांवों के किसानों की 250 एकड़ फसल पानी में डूब गई। रण सिंह के सरपंच निर्भय सिंह ने बताया कि गांव न्यामीवाला के कोठे माहला सिंह वाले और ड्रेन नजदीक घरों को भी बारिश के पानी ने काफी प्रभावित किया है।
किसान इंद्रजीत सिंह ढिल्लों और मनप्रीत सिंह ढिल्लों, तेजिन्द्र सिंह ढिल्लों ने जानकारी देते हुए बताया कि महकमे की तरफ से ड्रेन की सफाई समय पर और अच्छी तरह न करवाने के कारण ड्रेन में घास-फूस के बड़े-बड़े बांध बन गए हैं, जिस कारण ड्रेन में बड़ी दरार पड़ गई और बारिश का पानी साथ लगते खेतों में जाना शुरू हो गया और किसानों की 250 एकड़ फसल में 4-4 फुट पानी भर गया। किसानों ने संबंधित अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि ड्रेन की दरार को भरने के लिए किसानों को अपने तौर पर प्रबंध करना पड़ा और महकमे के अधिकारियों की तरफ से किसानों की कोई सहायता नहीं की गई। इस मौके जगतार सिंह न्यामीवाला, सेवा सिंह, गुरजीत सिंह, पंच गुरतेज सिंह, पंच जतिन्दर सिंह, सुक्खा सिंह, नैब सिंह, कुलदीप सिंह, मनप्रीत सिंह, गुरविन्द्र सिंह, अमृतपाल सिंह, भोला सिंह, अजायब सिंह, सुखदेव सिंह, बिट्टू सिंह, टैहनी, कौर सिंह और अमरजीत सिंह की तरफ से मौके पर पहुंचकर ड्रेन क ी दरार पर बंध लगाकर बारिश के पानी को रोका।
जे.सी.बी. मशीनों का प्रबंध कर दरारों को भरा गया: उपमंडल अफसर
उपमंडल अफसर फरीदकोट बिपनदीप सिंह ने कहा कि माड़ी ड्रेन की सफाई जे.सी.बी. के साथ करवाई गई थी। बारिशों के कारण ड्रेन के नजदीक की मिट्टी खोखली होने के कारण उसकी सफाई करवाने में थोड़ी-बहुत मुश्किल आई थी। भारी बारिश के कारण एक ही रात में 4 जगह पर दरार पड़ गई, जिसके लिए 4 जे.सी.बी. मशीनों का प्रबंध कर जल्द ही इन दरारों को भर दिया गया और ड्रेन के पानी को काबू कर लिया।