सुविधाएं न मिली तो पराली जलाने को मजबूर होंगे किसान: भाकियू

Edited By Vatika,Updated: 10 Oct, 2019 10:50 AM

farmers will be forced to burn stubble

भाकियू एकता (सिद्धूपुर) ने कहा कि अगर सरकार व प्रशासन की ओर से किसानों को धान की पराली की समस्या से निपटने के लिए जरूरी सुविधाएं या फंड्स आदि न मुहैया करवाए गए तो किसान पराली जलाने को मजबूर होंगे।

बठिंडा (परमिंद्र): भाकियू एकता (सिद्धूपुर) ने कहा कि अगर सरकार व प्रशासन की ओर से किसानों को धान की पराली की समस्या से निपटने के लिए जरूरी सुविधाएं या फंड्स आदि न मुहैया करवाए गए तो किसान पराली जलाने को मजबूर होंगे।

यूनियन के अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल, काका सिंह कोटड़ा, जसवीर सिह, मान सिंह, मेहर सिंह आदि ने कहा कि सरकार किसानों को पराली न जलाने का केवल उपदेश ही दे रही है, जबकि जमीनी स्तर पर इस समस्या से निपटने के लिए किसानों की कोई मदद नहीं की जा रही। उन्होंने मांग की कि सरकार किसानों को समस्या के समाधान के लिए 200 रुपए प्रति क्विंटल बोनस प्रदान करे । किसानों की आर्थिक हालत कमजोर होने के कारण किसान पराली का अपने खर्च पर निपटारा नहीं कर सकते। ऐसे में अगर प्रशासन द्वारा कोई सुविधा या मदद न दी गई तो किसान पराली को आग लगाने को मजबूर होंगे। अगर प्रशासन या पुलिस द्वारा किसानों पर कोई कार्रवाई की तो यूनियन उसका डटकर विरोध करेगी।

इस दौरान यूनियन विरोधी कार्रवाइयों के कारण यूनियन ने किसान नेताओं बोघ सिंह मानसा, तेज सिंह चंगेरिया, उगर सिंह मानसा, गुरचरन सिंह भीखी व काका सिंह तलवंडी आकलिया की प्राथमिक सदस्यता खारिज कर दी। नेताओं ने बताया कि उक्त लोगों का अब संगठन से कोई संबंध नहीं है।

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