Edited By Mohit,Updated: 20 Jan, 2020 04:07 PM
राज्य सभा मैंबर सुखदेव सिंह ढींडसा ने पार्टी में रहते हुए संगरूर की समूची अकाली..............
शेरपुर (अनीश): राज्य सभा मैंबर सुखदेव सिंह ढींडसा ने पार्टी में रहते हुए संगरूर की समूची अकाली लीडरशिप की आवाज को हमेशा दबाकर रखा है और ढींडसा के पार्टी से दूर होने उपरंत नेताओं को अब राजनीतिक स्वतंत्रा मिली है और नेता वर्कर अब खुलकर बात कर सकते है। यह विचार शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष भाई गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने शेरपुर में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए प्रगट किए।
उन्होंने कहा कि बादल परिवार को तानाशाह कहने वाले ढींडसा परिवार ने संगरूर व बरनाला जिलों में तानाशाही व्यवहार अपनाकर रखा और पार्टी को कमजोर करने में कोई कसर नही छोड़ी। दिल्ली में हुए टकसालियों के इकट्ठ सबंधी उन्होंने कहा कि दिल्ली में हुए इकट्ठ में कांग्रेस पक्षीय नेताओं ने हिस्सा लिया जिससे पता चलता है कि इकट्ठे हुए नेताओं को कांग्रेस पार्टी का पूरा सहयोग है और यह इकट्ठ फ्लाप साबित हुआ है।
भाई लौंगोवाल ने कहा कि पार्टी विरोधी कार्रवाई करने वालों का हाल हमेशा बुरा ही हुआ है। इतिहास गवाह है कि जो भी नेता पार्टी के विरूद्ध गया है उसे लोगों ने मुंह नही लगाया। इस मौके उनके साथ पूर्व ससंदीय सचिव संत बलवीर सिंह घुन्नस, पूर्व मंत्री नुसरत इकराम खान बग्गा, सिक्ख बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष मा. हरबंस सिंह शेरपुर, मिलनजोत पंधेर, गरीब सिंह छन्ना, केसर सिंह धालीवाल के इलावा भारी संख्या में अकाली नेता मौजूद थे।