War on Drugs: पंजाब पुलिस ने ड्रग व्यापार में संलिप्त बड़ी मछलियां की काबू

Edited By Urmila,Updated: 05 Mar, 2025 12:19 PM

war on drugs

गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान तरनतारन के थाथा गांव के रहने वाले अमोलक सिंह और उनके बेटे महाबीर सिंह के रूप में हुई है।

जालंधर/चंडीगढ : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार चल रहे ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ अभियान के बीच एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने ड्रग व्यापार में बड़ी मछली माने जाने वाले एक व्यक्ति और उसके बेटे को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से 1 लाख रुपए की ड्रग मनी बरामद की है। यह जानकारी मंगलवार को पुलिस महानिदेशक (डी.जी.पी.) पंजाब गौरव यादव ने दी।

गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान तरनतारन के थाथा गांव के रहने वाले अमोलक सिंह और उनके बेटे महाबीर सिंह के रूप में हुई है। ड्रग मनी बरामद करने के अलावा, पुलिस टीमों ने उनके कब्जे से एक फर्जी हथियार लाइसैंस, दो हथियार - एक .30 बोर की पिस्तौल, दो मैगजीन और 15 जिंदा कारतूस और एक .306 सिंगल बैरल स्प्रिंगफील्ड राइफल, 5 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। इसके अलावा, उनकी टोयोटा कोरोला कार भी जब्त की गई है।

drug smuggler

यह घटनाक्रम अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस द्वारा 20/01/2024 को एन.डी.पी.एस. अधिनियम की धारा 21सी, 23, 27ए और 29 और भारतीय दंड संहिता (आई.पी.सी.) की धारा 212 और 216 के तहत पुलिस स्टेशन गेट हकीमन में दर्ज एफ.आई.आर. नंबर 15 में दो आरोपियों को नामजद किए जाने के एक साल से थोड़ा अधिक समय बाद हुआ है।

इस मामले में दो भाइयों समेत सात आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इन भाइयों को भी बड़ी मछली माना जा रहा है। इन दोनों की पहचान मंजीत सिंह उर्फ (मन्ना) और लवजीत सिंह उर्फ (लव उर्फ) लाभ के रूप में की गई है। इन दोनों के पास से 3 किलो हेरोइन, 5 लाख रुपए की ड्रग मनी और अपराध में इस्तेमाल किए गए वाहन बरामद किए गए हैं।

गौरतलब है कि दोनों आरोपी भाई 2015 से फरार थे और 260 किलो हेरोइन जब्ती मामले में राजस्व खुफिया निदेशालय (डी.आर.आई.) मुंबई और 356 किलो हेरोइन जब्ती मामले में दिल्ली स्पेशल सेल को इनकी तलाश थी। डी.जी.पी. गौरव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी अमोलक सिंह अपने बेटे के साथ मिलकर ड्रग कार्टेल चला रहा था। उन्होंने बताया कि आरोपी अमोलक 2019 से जेल से बाहर था, लेकिन कई सालों से सक्रिय और फरार था। उसके खिलाफ पंजाब भर में एन.डी.पी.एस. और आर्म्स एक्ट के तहत 10 एफ.आई.आर. दर्ज हैं। डी.जी.पी. ने बताया कि जांच के दौरान आरोपी के कब्जे से बरामद आर्म्स लाइसेंस फर्जी पाया गया। उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी है और और भी बरामदगी की उम्मीद है।

अधिक जानकारी सांझा करते हुए, पुलिस आयुक्त (सी.पी.) अमृतसर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि शहर में वांछित आरोपी अमोलक और उसके बेटे महाबीर की मौजूदगी के बारे में एक विश्वसनीय इनपुट के बाद, पुलिस टीमों ने अमृतसर के प्रीत विहार स्थित उनके आवास पर छापा मारा और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। सी.पी. ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि दोनों आरोपियों की राज्य के अंदर और बाहर कई संपत्तियां हैं और वे गिरफ्तारी से बचने के लिए अक्सर अपने आवास बदलते रहते थे। उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी है।

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