Edited By swetha,Updated: 17 Sep, 2019 10:56 AM
पंजाब में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार अभी तक बेशक सरकार लोगों से किए वायदे पूरे करने संबंधी कई दावे कर रही है, लेकिन विपक्ष इसे नाकाफी मान रहा है।
गुरदासपुर(हरमनप्रीत): पंजाब में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार अभी तक बेशक सरकार लोगों से किए वायदे पूरे करने संबंधी कई दावे कर रही है, लेकिन विपक्ष इसे नाकाफी मान रहा है। यही नहीं विपक्ष कैप्टन सरकार को असफल सरकार करार दे रहा है। यहां तक कृषि सैक्टर की बात है तो किसान जत्थेबंदियों के अनुसार पंजाब सरकार ने अभी तक किसानों के लिए कुछ भी ऐसा नहीं किया, जिससे उनकी मंदहाली के दिन खत्म हो सकें। वास्तविकता यह है कि न तो किसानों के कर्ज खत्म हुए हैं और न ही कुर्कियों का सिलसिला रोका जा सका है।
क्या है कर्ज की स्थिति
विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार राज्य में करीब 18.50 लाख किसान हैं, जिनके सिर पर 2 वर्ष पहले विभिन्न बैंकों, आढ़तियों और अन्य विभागों का करीब 80 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था। यह कर्ज बढ़ कर 90 हजार करोड़ रुपए के करीब पहुंच गया है। शुरू से यही माना जाता रहा है कि यही कर्ज किसानों को अपने हाथों से मौत का फंदा तैयार करने के लिए मजबूर करता है। कर्ज और खुदकुशियों की बढ़ती फेहरिस्त के चलते 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने किसानों के साथ वायदा किया था कि यदि पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनी तो किसानों का सारा कर्ज माफ किया जाएगा। इसके तहत किसान जत्थेबंदियां कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की एक वीडियो क्लिप का हवाला देकर बार-बार यह दुहाई दे रही हैं कि सरकार ने सभी किसानों का सारा कर्ज माफ करने का वायदा किया था परन्तु बाद में सरकार ने कर्ज माफी की कई शर्तें और नियम बनाकर इस योजना को लागू किया है जिसके तहत सिर्फ कुछ ही किसानों का कुछ प्रतिशत कर्ज ही माफ हो सका है, जबकि आज भी बहुत से किसानों के सिर पर कर्ज का भार पहले की तरह ही है।
सड़कों पर परेशान हो रहे हैं गन्ना काश्तकार
सरकार ने किसानों से फसलों के मंडीकरण के दौरान कोई मुश्किल पेश न आने देने का वायदा भी किया था जिसके तहत गेहूं और धान के मंडीकरण में तो सरकार काफी हद तक अपना वायदा पूरा करने में कामयाब रही है परन्तु गन्ना काश्तकारों को इस सरकार के कार्यकाल के दौरान हो रही परेशानी किसी से छिपी नहीं है। पिछले सीजन के पैसे लेने के लिए धक्के खा रहे किसानों को इस सीजन में पर्ची भी बहुत मुश्किल से नसीब हुई थी और अनेक किसान ऐसे हैं जिनके करोड़ों रुपए अभी भी मिलों में फंसे हुए हैं, परन्तु उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। इसी तरह सब्जियां, आलू और अन्य फसलों के रेट पूरे न मिलने कारण परेशान हो रहे किसान भी सरकार की कार्रवाई के इंतजार में हैं।
कर्ज माफी विवरण
राज्य में करीब 18.5 लाख किसान हैं जिनमें से करीब 10 लाख किसानों का कर्ज माफ करने के लिए सरकार ने कार्रवाई शुरू की थी। सरकार की तरफ से मार्च 2019 तक राज्य के 8 लाख 68 हजार किसानों का करीब 5256 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया जा चुका है, जबकि किसान जत्थेबंदियां यह कह रही हैं कि पंजाब के किसानों के सिर 90 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। चाहे सरकार की तरफ से अगले दौर में अन्य किसानों का कर्ज माफ करने का प्रोग्राम बनाया जा रहा है परन्तु जिस ढंग से पहले अढ़ाई वर्ष सरकार ने ज्यादा किसानों को इस योजना से बाहर रखा है, उसके अनुसार बहुत से किसान सरकार की कर्ज माफी योजना से कोई राहत मिलने की उम्मीद भूल गए हैं।