Edited By Kamini,Updated: 07 Sep, 2022 03:19 PM

आज के समय में नॉर्मल डिलीवरी की बजाय सिजेरियन डिलीवरी अधिक बढ़ती ही जा रही है।
चंडीगढ़: आज के समय में नॉर्मल डिलीवरी की बजाय सिजेरियन डिलीवरी अधिक बढ़ती ही जा रही है। महिलाओं ने सिजेरियन डिलीवरी को कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यू.एन.एफ.पी.ए.) की मदद से पूरे देश में 16 राष्ट्रीय मिडवाइफरी (दाई) ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे। इन मिडवाइफरी ट्रेनिंग सेंटरों में नर्सों को ट्रेनिंग की दी जाएगी ताकि वह ज्यादा से ज्यादा नार्मल डिलीवर कि कोशिश करें न की सिजेरियन को। जानकारी के अनुसार पंजाब में ऐसा पहला मिडवाइफरी ट्रेनिंग सेंटर माता कौशल्या जिला सिविल अस्पताल, पटियाला में खुलेगा।
इन ट्रेनिंग सेंटरों में कोर्स 18 महीनों का होगा। इसमें एक साल की क्लीनिकल ट्रेनिंग अस्पताल व 6 महीने इंस्टीच्यूट में होगी। यह प्रोग्राम डायरेक्टर फैमिली वेलफेयर डा. रविंदर पाल कौर की देख-रेख में शुरू हुआ है। इस बारे जानकारी देते हुए प्रोग्राम अफसर डॉ. इंदरदीप कौर ने बताया कि यू.एल.एफ.पी.ए. के सहयोग से पंजाब सरकार द्वारा कीनिया और न्यूजीलैंड के 2 अंतर्राष्ट्रीय मिडवाइफरी शिक्षक इन सेंटरों में ट्रेनिंग देंगे।
मिली जानकारी के अनुसार 9 सितम्बर से पहला दाई ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू होगा। इस दौरान पंजाब, उत्तराखंड व हरियाणा की नर्से ट्रेनिंग लेंगी। यह राज्य स्तर पर 30 मिडवाइफरी शिक्षकों पहला बैच होगा। नर्सिंग विद्यार्थियों को मिडवाइफरी का सर्टिफिकेट भी मिलेगा। कार्यक्रम से सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में मिडवाइफरी लेड केयर यूनिट्स (एम.एल.सी.यू.) तैयार होगा। इसमें सभी सामान्य और जटिल प्रसव ट्रेंड दाइयां करेंगी।
बता दें पहले के समय में जब अस्पताल ज्यादा नहीं थे, तो दाई ही नॉर्मल डिलीवरी करवाती थीं। भारत सरकार ने 2018 में देश में दाइयों को लेकर मिडवाइफरी सर्विसेज स्कीम लॉन्च कीं थी। जिसके तहत कई राज्यों में राष्ट्रीय मिडवाइफरी ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं।
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