पंजाब में सुबह और शाम के लिए जारी हो गए सख्त आदेश, न माने तो...

Edited By Kalash,Updated: 06 May, 2025 06:38 PM

strict orders in punjab

जिले में विभिन्न पाबंदियों के आदेश जारी किए हैं।

जलालाबाद (बंटी दहूजा): जिला मजिस्ट्रेट अमरप्रीत कौर संधू ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिले में विभिन्न पाबंदियों के आदेश जारी किए हैं। ये पाबंदियां 30 जून, 2025 तक लागू रहेंगी और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पाबंदियों के अनुसार फाजिल्का जिले में शाम को सूर्यास्त के बाद और सुबह सूर्योदय से पहले गोवंश के परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। आदेशों में उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने गोवंश रखे हुए हैं वह पशुपालन विभाग में उनका पंजीकरण जरूर करवाएं। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेशों के अनुसार किसी भी रेस्टोरेंट या हुक्का बार में ग्राहकों को हुक्का नहीं परोसा जाएगा। ये आदेश जिले के सभी गांवों और नगर परिषदों की सीमा में लागू रहेंगे।

उन्होंने कहा कि उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिला मजिस्ट्रेट ने तर्राष्ट्रीय सीमा और सीमा सुरक्षा की तार के बीच और तार से भारत कि ओर 70 से 100 मीटर के क्षेत्र में ऊंची फसलें जैसे बी.टी. कपास, मक्की, ज्वार, गन्ना, सरसों, तोरियां, सूरजमुखी और ऐसी अन्य अधिक ऊंची फसलों को लगाने पर मनाही के आदेश जारी किए हैं।  बी.एस.एफ. के अधिकारियों द्वारा ध्यान में लाया गया है कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा और सीमा सुरक्षा बाड़ के बीच कुछ किसान बी.टी. कपास, मक्की, ज्वार, गन्ना, सरसों, तोरियां, सूरजमुखी और 4.5 फीट से अधिक ऊंची अन्य फसलों को बो रहे हैं, इस कारण ये पाबंदी लगाई गई है। 

एक अन्य आदेश में जिला मजिस्ट्रेट ने फाजिल्का जिले की सीमा के भीतर पतंगों आदि में प्रयोग होने वाले चाइना डोर की बिक्री और भंडारण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह डोर सिंथेटिक/प्लास्टिक से बनी है, जो मजबूत, न गलने वाली और न टूटने वाली है। इस डोर के उपयोग से हाथ/उंगलियां कट जाती हैं। अगर ये डोर  ढीली हो जाए तो सड़क पर आने वाले साइकिल सवारों का गला व कान कट जाना, उड़ते पक्षियों के पंखों में फंसकर उनके मर जाने आदि कि घटनाएं हो सकती हैं। यह डोर मानव जीवन और पक्षियों के लिए घातक साबित होती है। एक अन्य आदेश में फाजिल्का जिले में सब जेल फाजिल्का के 500 वर्ग मीटर क्षेत्र को नो ड्रोन जोन घोषित किया गया है।

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि ड्रोन आसानी से आम लोगों की पहुंच बन चुका है और कोई भी इसका दुरुपयोग कर जेलों में बंद खतरनाक कैदियों को भागने में मदद करने के अलावा  मोबाइल फोन/ड्रग्स, हथियार और सामग्री की सप्लाई कर सकता है। जिले में अमन और कानून की स्थिती बनाए रखने के लिए ऐसे सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। आदेश में फाजिल्का जिले में चल रहे मैरिज पैलेसों में हथियार आदि लाने तथा हवा में फायर करने पर पूर्ण प्रतिबंध जारी किया गया है। आदेश में संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे फाजिल्का जिले की सीमा में आते सभी सरकारी भवनों और पानी की टंकियों आदि की सुरक्षा के लिए अपने अधीन अधिकारियों/कर्मचारियों/चौकीदारों को 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात करें, ताकि किसी भी संगठन द्वारा किसी भी विरोध प्रदर्शन को रोका जा सके।

आदेश के अनुसार फाजिल्का जिले की सीमा के निकटवर्ती गांवों में शाम पांच बजे के बाद डी.जे., पटाखे चलाने और लेजर लाइट के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सीमा पार से रात के समय ड्रोन और डी.आई.एफ. का उपयोग कर घुसपैठ की कोशिशें की जाती हैं। सीमा पर ड्यूटी पर तैनात सैनिक तेज आवाज के कारण ड्रोन की प्रतिध्वनि नहीं सुन पाते, जिससे ड्रोन की गतिविधि का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

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