Edited By Kamini,Updated: 10 Nov, 2023 02:44 PM

गुरदासपुर जिले में पराली को बिना आग लगाए निपटाने के लिए प्रशासन और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा की गई कड़ी मेहनत के कारण पिछले साल के मुकाबले इस साल जिले में आग लगाने के मामले 50 प्रतिशत से कम हैं।
गुरदासपुर : गुरदासपुर जिले में पराली को बिना आग लगाए निपटाने के लिए प्रशासन और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा की गई कड़ी मेहनत के कारण पिछले साल के मुकाबले इस साल जिले में आग लगाने के मामले 50 प्रतिशत से कम हैं। इस साल जहां कृषि विभाग ने किसानों को जागरूक करने के लिए कई महीनों तक अभियान चलाया था, साथ ही आग लगाने वाले कई किसानों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप अब तक 292 चालान काटकर 7 लाख 35 हजार रुपए जुर्माना वसूल किया और 3 के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
इस बार डी.सी. डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने जिले को 79 जोन में बांटकर 300 से अधिक अधिकारियों को गांवों में तैनात किया था। किसानों से जुर्माना वसूलने और अन्य तरह की सख्ती करने के बजाय ये अधिकारी सबसे पहला काम ये करने की कोशिश कर रहे हैं कि जहां भी आग लगने की सूचना मिले, वहां पहुंच कर आग बुझाने का प्रयास कर रहे हैं। इस बार जिले के अतिरिक्त डी.सी. (ज) सहित अन्य अधिकारी भी अलग-अलग खेतों में आग बुझाते और किसानों को समझाते नजर आए हैं।
जिले के मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. कृपाल सिंह ढिल्लों ने अपनी गाड़ी में अग्निशमन यंत्र और अन्य उपकरण रखे हैं ताकि अगर किसी खेत में आग लगती दिखे तो उसे बिना देर किए बुझाया जा सके। उन्होंने बताया कि अधिकांश स्थानों पर कटाई का काम पूरा होने वाला है और जिले में टीमें पूरी सतर्कता के साथ काम कर रही हैं। किसानों ने इस बार भरपूर समर्थन दिया है, लेकिन फिर भी जिन किसानों ने बार-बार समझाने के बावजूद खेतों में आग लगाकर पर्यावरण को प्रदूषित करने की कोशिश की है, उनके खिलाफ कुछ सख्त कदम भी उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि अब पराली और अन्य कचरे को बिना आग लगाए निपटाने के कई विकल्प हैं और किसानों की मदद के लिए सरकार ने किसानों को सब्सिडी पर 5000 से ज्यादा मशीनें दी हैं, जिनका इस्तेमाल करके किसान पराली को इकट्ठा भी कर सकते हैं। समय पर गेहूं की बुआई कर रहे हैं। डॉ. कृपाल सिंह ढिल्लों ने बताया कि जिले में 150 से अधिक बेलर चल रहे हैं तथा कूड़ा निस्तारण व गेहूं की बिजाई के लिए सुपर सीडर, सरफेस सीडर सहित विभिन्न प्रकार की मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धान/बासमती की कटाई के बाद खेत में खड़ी फसल में 40-50 किलोग्राम गेहूं का बीज व दीया खाद डालकर गेहूं की बुआई की जा सकती है।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ सिमरप्रीत सिंह ने बताया कि जिले में अब तक 367 जगहों पर आग लगने के मामले सामने आए हैं, जिनमें से 292 जगहों पर 7 लाख 35 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया है और अन्य स्थानों पर कार्रवाई भी जारी है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष जिले में 848 स्थानों पर आग लगी थी, लेकिन इस वर्ष सेटेलाइट में मात्र 367 स्थान ही दर्ज किए गए हैं। इससे पहले साल 2020 में धान के सीजन के दौरान करीब 1940 खेतों में आग लगाई गई थी और 2021 में जिले में आग लगने के 1394 मामले सामने आए थे।