उपचुनाव दौरान स्मार्ट सिटी के घोटाले मुख्य मुद्दा बनकर उभरे, हो सकती है कार्रवाई

Edited By Sunita sarangal,Updated: 08 May, 2023 11:38 AM

smart city scams emerge as main issue during by elections

केंद्र की भाजपा सरकार की बात करें तो दिल्ली से पार्टी का हर बड़ा नेता इन उपचुनावों के चलते जालंधर आया......

जालंधर(खुराना): इन दिनों जालंधर में लोकसभा उपचुनाव की प्रक्रिया चल रही है जो कुछ ही दिनों में संपन्न हो जाएगी। इस बार चुनावी प्रक्रिया दौरान जहां सभी राजनीतिक दलों ने अपनी ओर से पूरा जोर लगाया और इन चुनावों को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया, वहीं खास बात यह रही कि उपचुनाव के दौरान स्मार्ट सिटी जालंधर के घोटाले मुख्य मुद्दा बनकर उभरे। इन चुनावों दौरान आम आदमी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल कई बार जालंधर आए और हर बार उनकी अपनी पार्टी के नेताओं और आम लोगों तक ने उन्हें जालंधर स्मार्ट सिटी में हुए घोटालों बाबत विस्तार से बताया। पंजाब के लोकल बॉडीज मंत्री डॉक्टर इंद्रबीर सिंह निज्जर की जानकारी में भी जालंधर स्मार्ट सिटी की हर गड़बड़ी आ चुकी है। 

केंद्र की भाजपा सरकार की बात करें तो दिल्ली से पार्टी का हर बड़ा नेता इन उपचुनावों के चलते जालंधर आया और भाजपा नेतृत्व के अलावा पार्टी वर्करों और अन्यों ने भी इस दौरान जालंधर स्मार्ट सिटी के स्कैंडलों की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया। स्मार्ट सिटी मिशन चूंकि शहरी विकास मंत्रालय के तहत आता है और इस विभाग के केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी भी उपचुनाव के चलते जालंधर आए इसलिए माना जा रहा है कि उपचुनाव के तुरंत बाद स्मार्ट सिटी जालंधर में हुए घोटालों को लेकर कोई ना कोई कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में स्मार्ट सिटी जालंधर में पिछले समय दौरान रहे अधिकारियों पर गाज तक गिर सकती है जिन्होंने अपने फायदे के लिए स्मार्ट सिटी के हर प्रोजेक्ट का ना केवल बेड़ा गर्क कर दिया बल्कि हर प्रोजेक्ट में गड़बड़ी सामने आई और ज्यादातर प्रोजैक्टों के विवाद अभी तक चल रहे हैं।

सबसे पहली कार्रवाई एल.ई.डी. प्रोजेक्ट को लेकर होगी 

माना जा रहा है कि स्मार्ट सिटी में सबसे ज्यादा संदेहास्पद प्रोजैक्ट एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट रहा। टैंडर से लेकर एग्जीक्यूशन तक ना केवल अधिकारियों बल्कि कंपनी स्टाफ की ओर से भी गड़बड़ी की गई। अब स्मार्ट सिटी के वर्तमान सी.ई.ओ. अभिजीत कपलिश ने एल.ई.डी. कंपनी को अल्टीमेटम दे रखा है। खास बात यह है कि उनसे 43 लाख रुपए की पेमेंट लेने के बाद भी कंपनी ने ना अपने कर्मियों को वेतन का भुगतान किया और ना ही शहर की बंद पड़ी हजारों एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइटों की ओर ध्यान दिया। पता चला है कि विजिलेंस ब्यूरो की ओर से भी इस प्रोजैक्ट पर सबसे पहले एक्शन करने की तैयारी की जा रही है।

सरकारी अधिकारियों ने ही सरकार के नियमों का पालन नहीं किया 

स्मार्ट सिटी जालंधर के ज्यादातर प्रोजैक्ट कमीशनबाजी के चलते न केवल चहेते ठेकेदारों को अलाट किए गए वहीं जालंधर स्मार्ट सिटी में बैठे रहे सरकारी अधिकारियों ने सरकार द्वारा बनाए नियमों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। एल.ई.डी. प्रोजैक्ट  में 25 प्रतिशत काम की बढ़ौतरी कर दी गई परंतु चंडीगढ़ बैठी स्टेट लेवल टेक्निकल कमेटी से इसकी मंजूरी तक नहीं ली गई। चौक सौंद्रियकरण प्रोजैक्ट के तहत करोड़ों रुपए के जो काम करवाए गए, उसे अगले प्रोजेक्ट में लगी कंपनी ने तोड़ दिया। स्मार्ट सिटी में रहे अधिकारियों ने कंपनियों और ठेकेदारों को पेमेंट देने के मामले में भी गड़बड़ी की और अपनी कमिश्नों के चलते कईयों को एडवांस पेमेंट तक कर दी।

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