Edited By Tania pathak,Updated: 05 Apr, 2021 02:13 PM

शिरोमणि अकाली दल की तरफ से पूर्व कैबिनेट मंत्री सरदार जनमेजा सिंह सेखों और पूर्व विधायक जोगिंदर सिंह जिंदू के नेतृत्व में गेहूं की खरीद को लेकर पंजाब सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया।
फिरोजपुर (कुमार): शिरोमणि अकाली दल की तरफ से पूर्व कैबिनेट मंत्री सरदार जनमेजा सिंह सेखों और पूर्व विधायक जोगिंदर सिंह जिंदू के नेतृत्व में गेहूं की खरीद को लेकर पंजाब सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। उनकी तरफ से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व केजरीवाल को किसान विरोधी बताते हुए उनके पुतले फूंके गए।
अकाली वर्करों को संबोधन करते हुए सेखों ने कहा कि पंजाब में गेहूं की फसल की कटाई शुरू हो गई है मगर अभी तक पंजाब सरकार ने मंडियों में बारदाने का का कोई इंतजाम नहीं किया और खरीद के प्रबंध अभी तक अधूरे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं और मांगों को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दोगली नीति अपना रहे हैं । किसानों की फसल की खरीद को लेकर अभी तक पंजाब सरकार की लिमिट नहीं बनी। कैप्टन अमरिंदर सिंह कह रहे हैं कि फसल की खरीद आढ़तियों द्वारा की जाएगी और दूसरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि फसल की खरीद सीधी होगी और किसानों को फसल की अदायगी भी सीधी मिलेगी।

उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह इस समस्या को लेकर किसानों और आढ़तियों दोनों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अरविंद केजरीवाल पंजाब में आकर किसानों हुए उनकी बातें करते हैं और दिल्ली में सबसे पहले उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए काले किसान विरोधी कानून लागू किए हैं। सेखो और जिंदू ने कहा कि मलोट में भाजपा के विधायक से मारपीट करने वाले किसान नहीं बल्कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गुंडे थे और पुलिस मूक दर्शक होकर तमाशा देखती रही।
उन्होंने कहा कि जब भी कांग्रेस पंजाब की सत्ता में आती है तो पंजाब में हिंदू सिख व आम लोगों मैं जाति मजहब के नाम पर दंगे फैलाने के षड्यंत्र शुरू हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि मलोट की घटना भी प्रशांत कुमार के षड्यंत्र का एक हिस्सा थी । उन्होंने कहा कि इस बार गेहूं की खरीद को लेकर पंजाब सरकार भी उलझन में है और किसानों को सच्चाई नहीं बता रही। अकाली नेताओं ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल किसानों के साथ है और जब तक केंद्र सरकार काले कानून वापस नहीं ले लेती तब तक किसानों के साथ चट्टान की तरह खड़े रहेगी ।