मामला सैटिंग से 12 लाख रुपए में विंटेज नंबर बेचने का, कांग्रेसी नेता बचने की हरसंभव कर रहा कोशिश

Edited By Urmila,Updated: 28 May, 2023 01:56 PM

selling vintage numbers for rs 12 lakh from case setting

सूत्रों की मानें तो भोगपुर के पास रहने वाला उक्त कांग्रेसी नेता पार्टी में काफी पैठ रखता है। सालों से उक्त नेता यही कारोबार करता आ रहा है।

जालंधर : आर.टी.ए (रिजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी) दफ्तर में वी.आई.पी नंबर पी.एन.क्यू. 0001 को 12 लाख के बेचने के मामले में जहां विजिलेंस ने बीते दिनों जालंधर आर.टी.ए. समेत 2 मुलाजिमों को बुलाया था, वहीं विजिलेंस द्वारा उक्त नंबर खरीदने वाले नवांशहर निवासी व्यक्ति से भी पूछताछ की जा रही है। जांच के दौरान सामने आया है कि उक्त व्यक्ति ने कांग्रेसी नेता की मार्फत पी.एन.क्यू. 0001 नंबर खरीदा था। इस संबंधी इस नंबर के मालिक ने विजिलेंस के समक्ष पेश होकर अपने बयान दे दिए हैं। अब कहानी तब नया मोड़ आया कि जब कांग्रेसी नेता विजिलेंस की जांच को अधर में लटकाने एवं ठंडे बस्ते डलवाने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। उक्त कांग्रेसी नेता अब विधायक का पल्ला छोड़ चंडीगढ़ स्थित अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रहा है।

सूत्रों की मानें तो भोगपुर के पास रहने वाला उक्त कांग्रेसी नेता पार्टी में काफी पैठ रखता है। सालों से उक्त नेता यही कारोबार करता आ रहा है और मोटी रिश्वत अधिकारियों को खिलाकर खुद भी चांदी कूट रहा है। यही नहीं राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि इसी विंटेज नंबरों को बेचकर उक्त नेता ने बड़ी-बड़ी गाड़ियां एवं अन्य कई कारोबार खड़े कर लिए हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद जब यह मामला विजिलेंस के पास पहुंचा तो उक्त नेता अब एड़ी चोटी का जोर लगाकर इस मामले को निपटाने में लगा है।

वहीं कांग्रेस में रहते हुए उसे पता है कि आप के राज में उस पर किसी न किसी दिन गाज जरूर गिरेगी। इसलिए उसने पहले आम आदमी पार्टी के एक विधायक के घुटने पकड़ विजिलेंस अधिकारियों को फोन कराने की चर्चा ने जोर पकड़ा है और अब वह चंडीगढ़ स्थित बड़े अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटने में लगा है, ताकि किसी तरह विजिलेंस उस पर कोई कार्रवाई न करे और उसका इस मामले से पीछा छूटे।

सरकारी रजिस्टर से पी.एन.क्यू. 0001 नंबर का रिकॉर्ड गायब

जिक्रयोग है कि विजिलेंस द्वारा हरेक पहलू पर जांच की जा रही है कि कांग्रेसी नेता ने किस सरकारी मुलाजिम एवं अधिकारी के साथ मिलकर यह काम करवाया है। क्योंकि सरकारी प्रोसैस के तहत जब किसी गाड़ी नंबर की बैकलॉग एंट्री करानी होती है तो उसका पूरा पुराना रिकॉर्ड आर.टी.ए. दफ्तर के सरकारी रजिस्टर में होना चाहिए लेकिन जब पी.एन.क्यू. 0001 नंबर का रिकॉर्ड जांचा गया तो आर.टी.ए. के सरकारी रजिस्टर में इस नंबर का पेज ही गायब था, जबकि मगर पी.एन.क्यू. 0002 से लेकर 0009 तक का सारा रिकॉर्ड रजिस्टर में उपलब्ध था।

अब इस नंबर की आर.सी. ट्रांसफर कराने एवं उक्त नंबर को स्वैप कराने के लिए नवांशहर के व्यक्ति ने जालंधर के एक कांग्रेसी नेता को पकड़ा। उसके द्वारा आर.टी.ए. दफ्तर में जुगाड़ लगाकर इस नंबर की बैकलॉग जाली एंट्री 2017 में करवा दी गई। इसके बाद 2020 में नवांशहर के व्यक्ति द्वारा नंबर को स्वैप कराने के लिए उसी कांग्रेसी नेता की मदद से इस नंबर की स्वैपिंग मॉडल टाऊन के जाली पते पर करवा दी गई। अब हैरान करने वाली बात यह है कि आर.टी.ए. दफ्तर में किस व्यक्ति ने यह एंट्री की? कांग्रेसी नेता ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए काम तो करवा दिया लेकिन अब इस केस की जांच विजिलेंस के पास पहुंच चुकी है। अब देखना होगा कि क्या विजिलेंस आर.टी.ए. दफ्तर में चल रहे भ्रष्टाचार समेत कांग्रेसी नेता पर लगाम लगा पाएगी। जिक्रयोग है कि दही भल्ले खाने का शौकीन उक्त कांग्रेसी नेता पूरे पंजाब में विंटेज नंबरों का कारोबार कर मोटी कमाई कर रहा है।

कांग्रेसी नेता को बचने का मिल रहा मौका

वहीं बता दें कि विजिलेंस की जांच ढीली होने के चलते उक्त कांग्रेसी नेता को हर दिन बचने का मौका मिल रहा है, जबकि जिस तरह विजिलेंस बाकी मामलों में शीघ्र जांच निपटाकर केस दर्ज करती है लेकिन न जाने इस मामले में क्यों इतनी ढीली कारगुजारी अपनाई जा रही है।

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