Edited By Kamini,Updated: 06 Mar, 2025 07:04 PM

महिला स्कूल को एक फोन आया जिसमें कहा गया कि तुम्हारा नाम आया है, इसके बात उसके साथ बड़ा कांड हो गया।
पंजाब डेस्क : स्कूल टीच के साथ बड़ी घटना होने खबर मिली है। जानकारी के मुताबिक, चंडीगढ़ सरकारी स्कूल टीचर को 3 दिन तक डिजिटल गिरफ्तार करके उससे 57.16 लाख रुपए की ठगी की गई। आरोपियों ने फर्जी मुम्बई पुलिस और सीबीआई अफसर बनकर महिला टीचर से ठगी की है। बताया जा रहा है कि सीबीआई अफसर बने ठगों ने महिला को कहा कि उनका नाम नशीले पदार्थों की तस्करी में आया है और 2.5 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप भी है। पीड़ित टीचर महिला की पहचान शेल्यादीप निवासी सेक्टर-18 चंडीगढ़ के रूप में हुई है, जोकि सरकारी स्कूल में पढ़ाती है।
इसके बाद घबराई महिला टीचर ने अपने रिश्तेदारों, दोस्तों व लोन लेकर आरोपियों को पैसे दे दिए। इसी बीच जब महिला को पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है तो उसने तुरन्त इसकी शिकायत चंडीगढ़ साइबर सेल थाना पुलिस को दी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। इस संबंधी अधिकारी जानकारी देते हुए महिला ने बताया कि 16 जनवरी 2024 को उसे एक राहुल शर्मा नामक व्यक्ति का फोन आया,क जिसने खुद को DHL इंटरनेशनल कूरियर सर्विस कर्मचारी बताया। उसने टीचर से कहा कि उनके नाम एक अज्ञात व्यक्ति ने पार्सल भेजा है, जिसमें से 6 पासपोर्ट, 3.5 किलोग्राम नशीले पदार्थ, 400 ग्राम एमडीएमए व 6 क्रेडिट कार्ड बरामद हुए है।
इसके बाद उसने इस कॉल को किसी अन्य व्यक्ति जिसका नाम वाइरोप कुमार है से जोड़ दिया। वाइरोप ने खुद को मुम्बई पुलिस का एक अधिकारी बताया और उसे धमकाने लगा। यही नहीं इसके बाद आरोपी शेल्यादीप ने एक अन्य व्यक्ति राकेश कुमार से बात करवाई, जिसने उससे उसके परिवार के बारे में सारी जानकारी हासिल की। इसके बाद आरोपी लगने लगे कि महिला टीचर ने किसी नरेश गोयल नाम व्यक्ति से 2.5 करोड़ रुपए रिश्वत ली है। जब महिला टीचर ने इस पूरे मामले में उसका हाथ होने से मना किया तो फर्जी अधिकारी ने उसे उम्र कैद की सजा का डर दिया।
महिला टीचर को इतना डरा दिया गया और उससे उसकी सारी बैंक डिटेल भी ले ली गई। इसके बाद महिला टीचर के सभी खातों में से पैसे निकालने के लिए कहा गया। उसके पास ऑनलाइन ट्रांसफर सुविधा न होने के चलते उसे अलग-अलग बैंकों से लोने लेने के लिए दबाव डाला। महिला को 3 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। इस दौरान वह इतना ज्यादा डर गई कि बड़ी मुश्किल से पैसे इकट्ठे करके आरोपियों को दिए। पैसे देने के बाद जब महिला ने उन्हें लगाया तो उनके नंबर बंद आए लगे। जिससे उसे एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गई है। आपको बता दें कि डिजिटल अरेस्ट का मतलब है कि आपको गिरफ्तारी का डरा दिखाकर घर में कैद किया जाता है। इस दौरान की जाने वाले वीडियो कॉल में पीछे का बैकग्राउंड पुलिस स्टेशन की तरह दिखाया जाता है। यही नहीं आपके बैंक अकाउंड को सीज करके गिरफ्तारी की धमकी भी जाती है। इसके आरोपी डमी अकाउंट बनाकर आपसे आपके पैसे ट्रांसफर करवा लेते है।
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