Edited By Kalash,Updated: 15 Feb, 2025 06:57 PM
![school students shocking report](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_14_58_355262743schoolstudentsshockingr-ll.jpg)
स्कूली बच्चों को लेकर हुई रिसर्च में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है।
चंडीगढ़ (पाल): स्कूली बच्चों को लेकर हुई रिसर्च में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है। नैशनल हैल्थ एंड फैमिली सर्वे के मुताबिक चंडीगढ़ में 44 प्रतिशत महिलाएं और 38 प्रतिशत पुरुष मोटापे से ग्रस्त हैं। पी.जी.आई. की रिसर्च के मुताबिक 40 प्रतिशत से ज्यादा स्कूली बच्चे मोटे हैं, जिसमें लड़कियों का वजन लड़कों से ज्यादा है। पी.जी.आई. एंडोक्राइनोलॉजी और मेटाबॉलिज्म विभाग के एसोसिएट प्रोफैसर डॉ. आशु रस्तोगी की मानें तो महिलाओं में डायबटीज और मोटापे का खतरा 1.5 गुना ज्यादा होता है, क्योंकि वह घर के कामों को ही व्यायाम मानती हैं जबकि ऐसा नहीं है। हफ्ते में करीब 150 मिनट शारीरिक गतिविधि जरूरी है। एक घंटे में 5 किलोमीटर से ज्यादा चलना अच्छा व्यायाम है। डॉ. रस्तोगी कहते हैं कि वजन में 5 से 7 प्रतिशत की कमी भी कई हैल्थ कंडीशन में फायदेमंद है। मोटापा दिमाग और फेफड़ों की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। डिमैशिया का कारण बन एकाग्रता को प्रभावित कर सकता है। आंखों पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने जैसी हृदय संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है। खासतौर से टाइप 2 डायबटीज का कारण बन सकता है।
भारत दुनिया का तीसरा देश, जहां सबसे ज्यादा ओवरवेट लोग
न सिर्फ चंडीगढ़ बल्कि लैंसेट की नई स्टडी में सामने आया है कि भारत दुनिया का तीसरा ऐसा देश बन गया है, जहां सबसे ज्यादा ओवरवेट लोग रहते हैं। महिलाएं अक्सर सोचती हैं कि घर पर सारा दिन काम करती हैं। ऐसे में फिजिकल वर्कआउट हो जाता है। उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं आ रही है, लेकिन मोटापा साइलैंट बीमारी की तरह है, जो धीरे-धीरे शरीर के हर ऑर्गन पर असर डालता है। इस वजह से डायबटीज, ब्लड प्रैशर, लिवर की दिक्कत, फैटी लिवर, दिल पर असर और फेफड़ों पर भी असर देखने को मिलता है। फेफड़ों की कार्य क्षमता पर इसका असर पड़ता है। ऐसे में हार्ट फेलियर की संभावना भी इन लोगों में होती है।
वजह शारीरिक गतिविधि न करना
नैशनल फैमिली हैल्थ सर्वे-4 में बच्चों की बात करें 5 साल से नीचे के बच्चे में मोटापा 1.9 प्रतिशत है। डॉक्टरों की मानें तो यही जीवन शैली जारी रही, तो कुछ सालों में नंबर ऊपर की ओर ही जाएगा। इसके साथ ही नॉन कम्युनिकेबल बीमारियां भी बढ़ेंगी। लोगों को समझने की जरूरत है कि मोटापा अकेला नहीं है। कई दूसरी बीमारियां मोटापे के साथ जुड़ी हैं। हमें लगता है कि हैल्दी और अच्छा खा रहें हैं, लेकिन आप देखें की थाली में कितना हैल्दी खाना है, तब आपको पता चलेगा। दूसरी सबसे बड़ी वजह है शारीरिक गतिविधि न करना। ज्यादातर लोगों की सीटिंग जॉब है यानी वह घंटों बैठक कर काम करते हैं। कुछ दिनों के लिए इस तरह काम करना ठीक है, लेकिन लंबे वक्त के लिए इसके कई बुरे प्रभाव आपके शरीर पर दिखाई देते हैं खासकर मोटापा।
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