Edited By Vatika,Updated: 05 Aug, 2025 05:21 PM

इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, डी.ई.ओ. द्वारा डायरैक्टर स्कूल शिक्षा
लुधियाना(विक्की): सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील के रूप में दिए जाने वाले दोपहर के भोजन की गुणवत्ता को बनाए रखने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जाता है। विभाग यह सुनिश्चित करता है कि सभी विद्यार्थियों को सही मात्रा में पोषण युक्त और अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन मिले, साथ ही सप्ताह में एक दिन फल और मीठी डिश के रूप में खीर की भी व्यवस्था की जाए परंतु जब इन मानकों का गंभीर उल्लंघन होता है, तो वह न केवल बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होता है, बल्कि समूचे शिक्षा तंत्र पर सवाल खड़े करता है।
ऐसा ही एक मामला सरकारी प्राइमरी स्कूल अयाली कलां (क), ब्लॉक लुधियाना-2 में सामने आया है। जिला शिक्षा अधिकारी (प्रा.) द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार, उनके द्वारा आज स्कूल का औचक निरीक्षण किया गया जिसमें स्कूल की हैड टीचर इंदरजीत कौर द्वारा किया गया प्रबंधन अत्यंत लापरवाह और अनियमित पाया गया। निरीक्षण में सामने आया कि लगभग 500 विद्यार्थियों को दिए जा रहे भोजन की स्थिति अत्यंत खराब है। दाल सूप से भी पतली थी और उसमें तड़का तक नहीं लगाया गया था। भोजन पकाने के लिए आवश्यक राशन भी उपलब्ध नहीं था। विद्यार्थियों को लंबे समय से रोटी, खीर और फल नहीं दिए जा रहे थे, जबकि मिड-डे मील के नियमानुसार यह अनिवार्य है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि 4 मिड-डे मील कुक की सैलरी निकाली जा रही है लेकिन वास्तव में केवल 3 ही कार्यरत हैं। रसोईघर में सफाई की व्यवस्था न के बराबर पाई गई। दीवारों और छत पर जाले लगे हुए थे, और राशन के भंडारण की स्थिति भी असंतोषजनक थी।
प्रबंधन में मनमानी, स्टाफ को किया जा रहा अनदेखा
सबसे गंभीर बात यह रही कि स्कूल की हैड टीचर इंदरजीत कौर ने सभी फंड अपने नियंत्रण में रखे हुए हैं और शेष स्टाफ को प्रशासनिक निर्णयों से पूरी तरह बाहर कर दिया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एक शिक्षक का कार्य केवल शिक्षण ही नहीं, बल्कि जिम्मेदारी, ईमानदारी और नैतिकता का परिचायक होना चाहिए। ऐसी लापरवाही से समाज में शिक्षा व्यवस्था की छवि धूमिल होती है। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, डी.ई.ओ. द्वारा डायरैक्टर स्कूल शिक्षा (ए) को इंदरजीत कौर को स्कूल के समग्र वातावरण और विद्यार्थियों की सुविधा को देखते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की सिफारिश की गई है।