Edited By Vatika,Updated: 27 Nov, 2019 05:15 PM
राधा स्वामी सत्संग ब्यास की स्थापना 1891 में की गई थी
जालंधरः राधा स्वामी डेरा ब्यास के प्रमुख गुरिन्दर सिंह ढिल्लों की पत्नी शबनम ढिल्लों का लंदन में निधन हो गया। इस ख़बर के बाद डेरा प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई। बताया जा रहा है कि उनका शव भारत लाया जा रहा है और गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार डेरा ब्यास में ही होगा।
90 देशों में फैले है राधा स्वामी सत्संग के सैंटर
वहीं अगर हम राधा स्वामी सत्संग ब्यास की बात करें तो इसकी स्थापना 1891 में की गई थी, जिसका उद्देश्य लोगों को धार्मिक संदेश देना है। यह संस्था दुनिया के 90 देशों में फैली हुई है, जिसमें यू.एस.ए., स्पेन, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, अफ्रीका और कई देश शामिल हैं। डेरे के पास 4000 एकड़ से भी अधिक की भूमि है, जिसमें लंगर स्थल लगभग 48 एकड़ में फैला हुआ है। भंडारे के दिनों में साढ़े 3 लाख के करीब संगत सत्संग श्रवण करने डेरा ब्यास पहुंचती है।
डेरे में लोगों का हो रहा मुफ्त इलाज
डेरे में संगत के रहने के लिए सराय, गेस्ट होस्टल और शेड हैं जहां एक साथ लाखों लोगों के रहने का इंतजाम किया गया है। डेरे में लोगों के मुफ्त इलाज के लिए 3 अस्पताल भी बनवाए हैं। डेरे से 35 किलो मीटर के घेरे में रहने वाले लोगों के इलाज के लिए मुफ्त सुविधा की गई है। इन अस्पतालों में नवंबर महीने में आंखों के ऑपरेशन के लिए कैंप लगए जाते थे, जिस दौरान 7 हजार से अधिक रोगियों की आंखों के ऑपरेशन किए जाते थे। बाद में यह व्यवस्था डेरा के अस्पताल में की गई।