पंजाब के स्कूलों को लेकर शिक्षा विभाग का बड़ा कदम, जारी हुए ये सख्त Order

Edited By Vatika,Updated: 02 Dec, 2023 12:06 PM

punjab school special order issue

पंजाब में बिना बाउंड्री वाल के नहीं रहेगा कोई सरकारी स्कूल,न ही जमीन पर बैठ पढ़ेंगे विधार्थी,कक्षाओं में लगेंगे डुअल डेस्क फलैग: सरकार ने स्कूल प्रमुखों से लेकर डीईओज़ की जिममेदारी की तय

लुधियाना(विक्की) : राज्य के सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए मुखयमंत्री भगवंत मान द्वारा जहां खजाने का मुंह खोला गया है वहीं सरकार बच्चों को मिल रहे इंफ्रास्ट्रकचर की रिपोर्ट भी जिला शिक्षा अधिकारियों व स्कूल प्रमुखों से ले रही है। यही वजह है कि सरकार द्वारा स्कूलों की दशा सुधारने के लिए जो फंड जारी किए जा रहे हैं उनका उपयोग कतनी तेजी से हो रहा है यह चैक करने के लिए शिक्षा विभाग की टीमें स्कूलों की विजीट भी कर रही हैं। हालांकि कई जिलों से टीमों द्वारा दी गई रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए विभाग के आला अधिकारियों ने डीईओज़ व स्कूल प्रमुखों को पत्र भी जारी कर दिए हैं।

जानकारी के मुताबिक कई स्कूलों की ओर से सरकार द्वारा जारी इन फंडों को खर्च करने में ढील बरती जा रही है।शिक्षा विभाग की आला अधिकारियों के पास इस बाबत पहुंची रिर्पोटों का कड़ा संज्ञान लिया गया है और जिला शिक्षा अधिकारियों को भी इस तरफ ध्यान देने के निर्देश भी दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक विभाग को विभिन्न जिलों से सूचना मिली है कि कई स्कूलों में चारदीवारी करवाने के लिए जो फंड जारी किए गए थे उनको अभी तक खर्च नहीं किया गया है और न ही चारदीवारी का निर्माण शुरू किया गया है। विभाग ने स्कूलों में चारदीवारी करवाने के आदेश के साथ जिन स्कूलों में चारदीवारी की मरम्मत कराई जा रही है अथवा चारदीवारी की ऊंचाई विभाग द्वारा जारी मापदण्ड के अनुरूप नहीं है, का प्रस्ताव भी स्कूल प्रमुखों से मंगवाया है। पत्र में साफ कहा है कि प्रस्ताव भेजने के बाद यदि कोई स्कूल बिना चारदीवारी के पाया जाता है तो प्राइमरी स्कूलों के लिए सेंटर हेड टीचर और अपार प्राइमरी स्कूलों के लिए स्कूल प्रमुख की पूरी जिम्मेदारी होगी।

 इसे सुनिश्चित करने के लिए प्राइमरी स्कूलों के लिए सेंटर हेड टीचर और अपर प्राइमरी स्कूलों के लिए स्कूल प्रमुख और संबंधित जिले के उप जिला शिक्षा अधिकारी से प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना चाहिए कि उनके जिले में कोई भी स्कूल बिना चारदीवारी के नहीं है। वहीं यदि किसी स्कूल में फेंसिंग में कमी है तो उसकी रिपोर्ट 12 दिसम्बर तक सुनिश्चित की जाये। ऐसा नहीं होने पर संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।इसके साथ स्कूलों में बनने वाली चहारदीवारी की कलर कोडिंग और लिखे जाने वाले स्लोगन के चयन के लिए विभाग की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया है। इस संबंध में जल्द ही निर्देश जारी किये जा रहे हैं। जिन स्कूलों में सूखे एवं असुरक्षित पेड़ खड़े हैं, वह स्कूल विभाग द्वारा जारी पत्र के अनुसार तत्काल कार्यवाही करते हुए रिपोर्ट हेड ऑफिस को भेजना सुनिश्चित करेंगे।

सभी छात्रों के लिए फर्नीचर की व्यवस्था
विभाग ने कहा है कि सभी जिला शिक्षा अधिकारीयों द्वारा अपने जिले के सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं कक्षा तक पढ़ने वाले सभी छात्रों के लिए डुअल डेस्क का प्रावधान सुनिश्चित किया जायेगा। प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में कोई भी छात्र जमीन पर नहीं बैठेगा। इसे सुनिश्चित करने के लिए प्राइमरी स्कूलों के लिए सेंटर हेडटीचर से तथा अपर प्राइमरी स्कूलों के लिए स्कूल प्रमुख से तथा संबंधित जिले के उप जिला शिक्षा अधिकारी से प्रमाण पत्र लिया जाएगा कि उनके ज़िला के किसी भी स्कूल में कोई भी विद्यार्थी जमीन पर नहीं बैठ रहा है। यदि उनके किसी स्कूल में पर्याप्त डुअल डेस्क की कमी है तो उसकी रिपोर्ट 12 दिसम्बर तक भेजना सुनिश्चित की जाए। ऐसा नहीं होने पर संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।


बढ़िया सामग्री के साथ होगा कमरों का निर्माण
शिक्षा विभाग द्वारा निर्देश जारी किये गए हैं कि स्कूलों को नाबार्ड के अंतर्गत कमरों के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री और लेबर की दर में वृद्धि होने के कारण 7.51 लाख रुपये की राशि का उपयोग कमरों के निर्माण एवं अच्छे स्वरूप के लिए किया जाना चाहिए। इसलिए पेंट, छत और लाइट जैसी अच्छी गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग करना चाहिए। इस संबंध में क्लास रूम्स के निर्माण के लिए निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। यदि कमरों के निर्माण के बाद पैसा बच जाता है, तो इसका उपयोग छात्रों के बैठने के लिए फर्नीचर खरीदने में किया जा सकता है।

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