Edited By Vatika,Updated: 29 Mar, 2025 12:13 PM

आखिर शिक्षा विभाग की नींद उस समय खुली है जब पेरैंट्स स्कूलों द्वारा बताई गई...
लुधियाना(विक्की): आखिर शिक्षा विभाग की नींद उस समय खुली है जब पेरैंट्स स्कूलों द्वारा बताई गई दुकानों से किताबों के सैट खरीदकर अपनी जेब ढीली कर चुके हैं और नया सैशन शुरू होने की तैयारी में है। विभाग को सैशन शुरू होने से 4 दिन पहले याद आया है कि स्कूलों में विद्यार्थियों को एन.सी.ई.आर.टी. की बुक्स पढ़ाई जानी यकीनी बनाया जाना है। यही वजह है कि स्कूल शिक्षा विभाग पंजाब ने अब सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को प्राइवेट स्कूलों से उन किताबों की लिस्ट मंगवाने के आदेश जारी किए हैं जो किताबें इस नए सैशन में विद्यार्थियों को पढ़ाई जानी है।
किस पब्लिशर की लगी कितनी किताबें
दरअसल विभाग ने उक्त कार्रवाई एक अभिभावक अतुल नागपाल की ओर से पंजाब स्टेट ह्यूमन राइट्स कमीशन को भेजी गई शिकायत के आधार पर की है। विभाग का मकसद यह पता करवाना है कि स्कूलों में छात्रों को कौन से पब्लिशर्स की किताबें लगाई गई हैं और इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा कितने पर्सैंट किताबें बदली गई हैं। जानकारी के मुताबिक उक्त अभिभावक ने शिकायत की है कि कई निजी स्कूल नियमों की अनदेखी कर रहे हैं और प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों को तरजीह देने के साथ अपने स्कूल के अंदर ही मनमाने रेट पर किताबें बिकवा रहे हैं।
एन.सी.ई.आर.टी. की बुक्स लगवाने के हैं आदेश
ठह्यूमन राइट्स कमीशन को भेजी शिकायत ने अतुल नागपाल ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम में एन.सी.ई.आर.टी. की किताबों को अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्देश दिया गया है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में एकरूपता बनी रहे और छात्रों को उचित अध्ययन सामग्री उपलब्ध हो। इसके बावजूद, कई निजी स्कूल अपने स्तर पर अलग-अलग प्रकाशकों की किताबें लागू कर रहे हैं जिससे न केवल सरकारी नियमों का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि अभिभावकों और विद्यार्थियों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से किताबें लागू करने के कारण छात्रों को अधिक मूल्य पर पुस्तकें खरीदनी पड़ रही हैं, जो कई बार स्थानीय स्तर पर उपलब्ध भी नहीं होतीं।
विभाग ने दी एन.ओ.सी. कैंसिल करवाने की चेतावनी
इस गंभीर मामले को लेकर ह्यूमन राइट्स कमीशन ने डायरैक्टोरेट शिक्षा विभाग (सैकेंडरी) से जवाब मांगा है जिसके बाद विभाग ने सभी निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने यहां लागू की गई पुस्तकों की विस्तृत रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर डी.ई.ओ. ऑफिस में जमा करें। पत्र के मुताबिक कई शिकायतों के बाद यह मामला सरकार के संज्ञान में आया और वर्तमान में यह पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के विचाराधीन भी है।विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कोई स्कूल रिपोर्ट जमा नहीं करता तो इसे नियमों की अवहेलना माना जाएगा। ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी एन.ओ.सी. (नो ऑब्जैक्शन सर्टीफिकेट) रद्द करने की सिफारिश की जाएगी।