Edited By Kamini,Updated: 28 Dec, 2024 03:56 PM
देश के पहले पूर्व सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का शनिवार को निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
पंजाब डेस्क : देश के पहले पूर्व सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का शनिवार को निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया है। गौरतलब है कि उनके पार्थिव शरीरी को सेने की तोपगाड़ी में दिल्ली के निगमबोध घाट पर लाया और तीनों सेनाओं ने सलामी दी। इसके बाद राजकीय सम्मान के बाद उनके बेटी ने उन्हें मुखाग्नि दी। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की 3 बेटियां उपिंदर सिंह (65), दमन सिंह (61) और अमृत सिंह (58) हैं।
इसी बीच उनके अंतिम संस्कार व स्मारक को लेकर पंजाब के सिख नेता भड़के हुए नजर आ रहे हैं। सिख नेताओं ने स्मारक के लिए राजघाट पर जगह न देने पर नाराजगी जताई है। इस मुद्दे को लेकर पंजाब के कांग्रेस और अकाली दल के मंत्री व सांसदों ने केंद्र सरकार पर सवाल भी खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सिखों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सामान्य श्मशानघाट में कर दिया गया है, जबकि उनका अंतिम संस्कार राजघाट में होना चाहिए था जोकि पुरानी प्रथा और परंपरा है।
सुखबीर बादल ने फैसले को बताया निंदनीय
सुखबीर बादल ने कहा कि परिवार ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए ऐतिहासिक और उपयुक्त स्मारक बनाने की मांग की थी, जिसे केंद्री सरकार ने ठुकरा दिया। डॉ. मनमोहन सिंह ने देश के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उनका अंतिम संस्कार राजघाट में होना चाहिए था, क्योंकि ये पूरानी प्रथा और परंपरा चली आ रही है। सुखबीर बादल ने कहा कि, केंद्रीस सरकार पक्षपातपूर्ण नीति अपना रही है। कांग्रेस पार्टी के साथ मतभेद अलग बात लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह पूरे राष्ट्र के थे। यह समझ से परे है कि सरकार उस महान नेता के प्रति इतना अनादर क्यों दिखा रही है, जो सिख समुदाय के एकमात्र सदस्य थे, जो प्रधानमंत्री बने। इस दौरान सुखबीर बादल ने पीम मोदी से इस निंदनीय फैसले को बदलने की अपील की है। इसकी लोकेर सुखबीर बादल ने एक ट्वीट भी शेयर किया है।
कांग्रेस सांसद व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधवा भड़के
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर कांग्रेस सांसद व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधवा भी भड़के हुए हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार ने केंद्र सरकार से राजघाट के पास स्मारक बनाने की मांग की थी जिसे ठुकरा दिया गया। सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह के महान कद और पुरानी परंपरा को नजरअंदाज कर सिखों को अपने सौतेले व्यवहार का एहसास करा दिया है। सुखजिंदर रंधावा ने इसको लेकर एक पोस्ट भी शेयर की है।
पूर्व मंत्री दलजीत चीमा ने फैसले पर जताया दुख
पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत चीम ने इस फैसले पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के राजघाट में अंतिम संस्कार व स्मारक के फैसले को केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया है जोकि बहुत ही अत्यंत निराशाजनक है। डॉ. मनमोहन सिंह सिख समुदाय से आने वाले पहले प्रधानमंत्री थे, जिनकी विरासत अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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