Edited By Subhash Kapoor,Updated: 19 Sep, 2025 11:44 PM

जहाँ कुछ दिन पहले ही रावी नदी के पानी से किसानों को भारी नुक़सान झेलना पड़ा था, वहीं अब जो थोड़ी बहुत बासमती और परमल की फसल बची हुई थी, उसे आज अचानक हुई तेज़ बारिश, तूफ़ान और ओलों ने बुरी तरह नुकसान पहुँचा दिया। इससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़...
दीनानगर (हरजिंदर गोराया): जहाँ कुछ दिन पहले ही रावी नदी के पानी से किसानों को भारी नुक़सान झेलना पड़ा था, वहीं अब जो थोड़ी बहुत बासमती और परमल की फसल बची हुई थी, उसे आज अचानक हुई तेज़ बारिश, तूफ़ान और ओलों ने बुरी तरह नुकसान पहुँचा दिया। इससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
इस मौके पर किसान बलविंदर सिंह, मंगल सिंह सेखा, सरपंच सुलखन सिंह, हरदेव सिंह आदि ने बताया कि पहले बाढ़ ने खेती को बुरी तरह तबाह किया और अब अचानक मौसम के बिगड़ने से बची-खुची धान की फसल भी नष्ट हो गई। इससे किसानों पर और कर्जे का बोझ बढ़ने की आशंका है क्योंकि आने वाले दिनों में गेहूँ की बुआई भी करनी है, लेकिन धान की फसल तो पूरी तरह चौपट हो चुकी है। किसानों ने कहा कि इस कारण वे आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हो गए हैं और पंजाब सरकार से गुहार लगाई है कि सरकार तुरंत विशेष गिरदावरी कराकर हुए भारी नुकसान का मुआवज़ा प्रदान करे।
