लक्ष्मण मूर्छा में पंजाब की राजनीतिक पार्टियां, कौन लाएगा इनके लिए संजीवनी ?

Edited By Sunita sarangal,Updated: 28 Jan, 2022 11:22 AM

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पंजाब में 2017 के विधानसभा चुनावों में जो जोश और लहर थी, वह 2022 के चुनावों में दिख नहीं रही है। घरों पर झंडे भी नहीं दिख रहे और सड़कों पर.......

जालंधर(अनिल पाहवा): पंजाब में 2017 के विधानसभा चुनावों में जो जोश और लहर थी, वह 2022 के चुनावों में दिख नहीं रही है। घरों पर झंडे भी नहीं दिख रहे और सड़कों पर ढोल के साथ डोर टू डोर जा कर वोट मांग रहे राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों का घर के बाहर खड़े होकर स्वागत कर रहे लोगों में वो गर्मजोशी नहीं दिख रही है। कुल मिलाकर पंजाब में राजनीति के पर्व पर हर्षोल्लास गायब है और राजनीतिक दल भी लक्ष्मण मूर्छा में हैं। इन दलों की मूर्छा खत्म करने के लिए कौन, कब और कैसे कोई संजीवनी लाएगा, किसी को नहीं पता। ऐसा नहीं है कि कुछ दलों में ही यह दिक्कत है और बाकी पूरे जोश के साथ मैदान में हैं। सभी दलों में इस बार वो करंट नहीं दिख रहा है जिसका असर पंजाब में हो रही वोटिंग पर पड़ना तय है।

चुनाव आयोग की सख्ती
पंजाब में चुनावी माहौल के ठंडे होने के पीछे एक बड़ा कारण है चुनाव आयोग की सख्ती। आयोग ने कोरोना का केसों के बढ़ने को लेकर सख्त निर्देश जारी कर रखे हैं। ये भी एक बड़ा कारण है कि सड़कों पर वो लहर वो दमखम नज़र नहीं आ रहा है। पंजाब में वैसे चुनावी शोर पहले समय में काफी अधिक रहा है। लेकिन इस बार काफी कुछ खामोश सा है।

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मौसम का दगा
पंजाब में इस बार का मौसम पिछले कुछ वर्षों के मौसम से कुछ हट कर है। पहले देरी से सर्दी पड़ी और अब साथ में बारिश और कुछ इलाकों में बर्फबारी भी हुई है। इस समय के बीच चुनावी गर्मी भी काम नहीं आ रही है। सर्द मौसम में या तो सूरज के दर्शन नहीं हो रहे, अगर हो रहे हैं तो दोपहर तक धूम चढ़ती है और शाम को जल्दी सूरज छिप जाता है। इस सब के बीच पंजाब में चुनाव प्रचार पर बुरा असर पड़ रहा है। जिसके कारण अगर यह चुनाव जो दूसरे चरण के साथ हो रहे हैं, पंजाब में अंतिम चरण में होते तो शायद मौसम पर कुछ हद तक बदलाव हो चुका होता और पंजाब में चुनावी गर्मी तेज हो जाती।

यूपी उत्तराखंड में हलचल तेज
पंजाब में बेशक चुनावी हलचल कम है, लेकिन उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड में चुनावी माहौल ज्यादा गर्म है। बेशक चुनाव आयोग की सख्ती है लेकिन इन राज्यों में पंजाब से ज्यादा शोरगुल है। इसके पीछे एक बड़ा कारण जो सामने आ रहा है वो है केंद्रीय नेताओं का सरगर्म होना। पंजाब में न तो यूपी की तरह नेताओं की फेरियां चल रही हैं तथा न ही लोगों के बीच स्थानीय नेता लोगों तक उचित ढंग से पहुंच कर पा रहे हैं।

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राजनीतिक दलों की तैयारी
पंजाब में कांग्रेस के अंदर खूब खींचतान चल रही है। चुनावों का अंजाम जो भी होगा, लेकिन पार्टी में क्रेडिट लेने और जिम्मेदारी थोपने के लिए काफी गुंजाइश है। पार्टी में अभी तक ग्राऊंड लेवल पर करंट न के बराबर था लेकिन वीरवार को पंजाब में राहुल गांधी की फेरी से संभावना जताई जा रही है कि कुछ हद तक पार्टी के वर्कर में करंट आ सकता है। वैसे पार्टी के नेता नवजोत सिद्धू तथा सीएम चरणजीत चन्नी कुछ इलाकों में जाकर दौरा कर चुके हैं लेकिन जमीनी स्तर पर वर्कर में करंट पैदा नहीं हो रहा है। जिसके कारण वोटर पर पार्टी को प्रभावी बनाने में दिक्कत आ रही है।

उधर आम आदमी पार्टी में भी अभी जमीनी करंट नहीं है। बेशक अरविंद केजरीवाल पंजाब के कुछ इलाकों में दौरा कर उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार कर चुके हैं लेकिन अभी वो बात नहीं बन पा रही है। बताया जा रहा है कि 2 फरवरी के बाद अरविंद केजीरवाल पंजाब में डेरा जमाने जा रहे हैं जिसके कारण आप के एक्टिव होने तथा मूर्छा से बाहर आने की संभावना है। जहां तक बात भाजपा की है, उसमें जोश न के बराबर है। अभी तक पार्टी की तरफ से कोई स्टार प्रचारक पंजाब में नहीं आया है जिससे कि लगे पार्टी एक्टिव है। पार्टी वर्कर में भी वो जोश वो जज्बा नहीं दिख रहा है जबकि शिरोमणि अकाली दल की हालत सबसे अलग है। पार्टी के प्रमुख सुखबीर बादल ने सबसे पहले आज से करीब 5 महीने पहले अपनी पार्टी का प्रचार शुरू कर दिया था। प्रचार के लिए जिस स्पीड से अभियान शुरू हुआ, उसी स्पीड से ठंडा भी हो गया। अब पार्टी प्रचार के साथ साथ अपने नेता बिक्रमजीत मजीठिया के लिए अलग से लड़ाई लड़ रही है। अगर बात कैप्टन की लोक कांग्रेस पार्टी की जाए तो वहां पर तो आलम ही अलग है। न नेता मैदान में न वर्करों का कोई पता ठिकाना।

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उम्मीदवारों के ऐलान में देरी भी बड़ा कारण
पंजाब में चुनावों के लिए नामांकन का काम 25 फरवरी से शुरू हो चुका है लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी भी कई सीटों पर उम्मीदवारों को नहीं उतारा है। पंजाब में कांग्रेस सत्ता में थी और पार्टी सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने पंजाब में पहली सूची में 86 तथा दूसरी सूची में 23 लोगों को मैदान में उतारा। पार्टी के अभी भी 8 उम्मीदवारों का घोषित होना बाकी है। इसी तरह भाजपा पंजाब में 65 सीटों पर चुनाव लड़ रही है लेकिन पार्टी ने पंजाब में पहली सूची में 35 लोगों का ऐलान किया। दूसरी सूची वीरवार को जारी की गई जिसमें 27 नाम शामिल किए गए। पार्टी के अभी 3 और नाम ऐलान होने बाकी हैं। आम आदमी पार्टी के सभी उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं।

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