पी.सी.ए. के सचिव खन्ना ने पत्र जारी कर अध्यक्ष चाहल और सी.ई.ओ. को लिया आड़े हाथ

Edited By Seema Sharma,Updated: 05 Jul, 2022 12:22 PM

pca secretary khanna issued a letter to chairman chahal and ceo took over

पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पी.सी.ए.) के पदाधिकारियों के बीच चल रही लैटर वार थमने का नाम नहीं ले रही है। एसोसिएशन के सचिव दिलशेऱ खन्ना के आरोपों का अध्यक्ष गुलजार इंद्र चाहल की तरफ से जो जवाब दिया गया था

जालंधर (अनिल पाहवा) : पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पी.सी.ए.) के पदाधिकारियों के बीच चल रही लैटर वार थमने का नाम नहीं ले रही है। एसोसिएशन के सचिव दिलशेऱ खन्ना के आरोपों का अध्यक्ष गुलजार इंद्र चाहल की तरफ से जो जवाब दिया गया था, उसे लेकर फिर से दिलशेऱ खन्ना ने सवाल खड़े किए हैं। खन्ना ने एक और पत्र जारी करते हुए एसोसिएशन के सी.ई.ओ. पर भी उंगली उठाई है। गौरतलब है कि अध्यक्ष चाहल की तरफ से सी.ई.ओ. ने ही दिलशेर खन्ना को जवाब दिया था। खन्ना ने लिखा है कि उन्होंने जो मेल अध्यक्ष को भेजी थी, उसका मनोरथ केवल इतना ही था कि एसोसिएशन के अंदर चल रही गतिविधियों के बारे में सभी सदस्यों को जानकारी हो, जोकि क्रिकेट एसोसिशन के संविधान के अनुसार अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि अध्यक्ष चाहल की तरफ से जो सी.ई.ओ. की जवाब देने की ड्यूटी लगाई गई है, वह भी संदेहास्पद है। उन्होंने कहा कि इस पत्र के जवाब से यह लग रहा था कि जैसे उन्होंने दुखती रग छेड़ दी हो। पत्र के माध्यम से अध्यक्ष चाहल ने अपनी तारीफ करने की कोशिश की है। 

 

पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव खन्ना ने लिखा है कि उन्होंने अपने पत्र में कुछ ऐसे मामलों का जिक्र किया था, जिस पर 26 मई की ए.जी.एम. में चर्चा नहीं की गई। उनमें से एक मसला एसोसिएशन के बैंक अकाऊंट से संबंधित था। एजैंडा में इसका जिक्र नहीं था। इस मामले को लेकर वह अध्यक्ष के कार्यालय में गए थे, जहां पर उन्होंने अध्यक्ष को आगाह किया था कि वह अपनी पोजीशन का सम्मान बनाए रखें। खन्ना ने आगे कहा था कि यह बात हैरान करने वाली है कि ए.जी.एम. के मिनट्स को अभी भी अध्यक्ष द्वारा जनरल बाडी को जारी नहीं किया गया है, जबकि अध्यक्ष ने जनरल बाडी को आश्वासन दिया था कि वह बैठक के दिन ही शाम को मिनट्स जारी कर देंगे। जनरल हाऊस की जानकारी के लिए बता दूं कि अध्यक्ष ने 26 मई को मिनट्स को अप्रूवल दे भी दी थी और हस्ताक्षर कर उन्हें सी.ई.ओ. को मार्क कर दिया था। 

 

खन्ना ने आगे लिखा है कि संयोग की बात है कि 26 मई की ए.जी.एम. के बाद एसोसिएशन का नया आडीटर नियुक्त किया गया। उन्होंने सवाल उठाया है कि ऐसी नियुक्ति के लिए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। उन्होंने सवाल किया है कि क्या यह अध्यक्ष की तरफ से पूर्व निर्धारित था या उनका मनमाना फैसला है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के सदस्यों को सभी पदाधिकारियों से पारदर्शिता की उम्मीद है, यही कारण है कि वह लगातार इन मिनट्स को जारी करने में की जा रही देरी का कारण पूछ रहे थे। 

बैंक अकाऊंट को लेकर खन्ना पर हस्ताक्षर न करने का जो आरोप लगाया गया था, उसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा है कि वह इस बात पर अभी भी अडिग हैं कि इस मद को एजैंडे के रूप में जनरल बाडी की मीटिंग में नहीं रखा गया और न ही उस पर कोई चर्चा की गई। खन्ना ने कहा कि उन्होंने अध्यक्ष को सुझाव दिया था कि इस मद के लिए अपैक्स कौंसिल की बैठक बुलाई जाए ताकि इस पर चर्चा की जा सके। लेकिन वह इस बात पर सहमत नहीं थे। अपैक्स कौंसिल की मीटिंग को लेकर उन्हें 11 जून की शाम को अध्यक्ष का फोन आया कि उन्होंने अभी अपने कार्यालय में एक बैठक की है और उन्हें यह एजैंडा भेजा जाएगा, जो सी.ई.ओ. जारी करेंगे।

 

खन्ना ने कहा कि उन्होंने अध्यक्ष से सवाल किया था कि उनकी उपस्थिति के बिना बैठक कैसे हुई, क्योंकि एजैंडा तैयार करने की भूमिका भी सचिव की जिम्मेदारी के दायरे में आती है। खन्ना ने कहा कि इस बात को लेकर अध्यक्ष गुलजार इंद्र चाहल ने कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया और कहा कि वह विदेश जाने से पहले कुछ निर्णय लेना चाहते हैं। खन्ना ने आगे सवाल किया कि अन्य पदाधिकारियों को शामिल किए बिना ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कैसे की जा रही है तो इस पर अध्यक्ष ने जवाब दिया कि यह एक गोपनीय चर्चा थी और वह उनके साथ इस संबंध में कुछ भी विवरण सांझा नहीं कर पाएंगे। 

 

अध्यक्ष के साथ फोन पर हुई बात को लेकर भी खन्ना ने सी.ई.ओ. के पत्र का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि 12 जून को जब अध्यक्ष ने उन्हें बुलाया तो उन्होंने उनकी सभी भूमिकाओं को वापस लेने के बारे में पूछा तो वह केवल यही जवाब दे पाए कि यह निर्णय उन्हें ही लेना है। खन्ना ने कहा कि उन्होंने अध्यक्ष चाहल के इस रवैये पर आपत्ति व्यक्त की और क्रिकेट तथा पी.सी.ए. पर फोकस करते हुए उन्होंने यह कदम उठाने की बात कही। खन्ना ने आरोप लगाया कि उनसे रबड़ स्टांप बनने की उम्मीद की जा रही थी, जो केवल आंखें बंद करके कहीं भी हस्ताक्षर कर दे। 

 

पी.सी.ए. के फारैंसिक आडिट को लेकर उठे सवाल पर खन्ना ने जवाब देते हुए कहा कि यह सरासर झूठ है। उन्होंने अध्यक्ष चाहल के साथ हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने पूर्व अध्यक्ष के फारैंसिक आडिट को लेकर असहज होने की बात नहीं कही। उन्होंने कहा कि वह इस बात पर सहमत हैं कि एक फारैंसिक आडिट पिछली सर्वोत्तम योजनाओं को अपनाने के लिए फायदेमंद हो सकता है और खामियों को ठीक करने में भी इससे मदद मिल सकती है। खन्ना ने दावा किया कि उन्होंने अध्यक्ष के साथ बातचीत के दौरान कभी भी इसके खिलाफ कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि जनरल बाडी की बैठक में उपस्थित सभी लोगों मौजूदगी में फारैंसिंक आडिट को मंजूरी दी गई थी और यह कोई रहस्य नहीं था। उन पर जो इसे लीक करने के आरोप लगाए जा रहे हैं, वे बेतुके हैं। इससे पहले अध्यक्ष ने कभी भी उनके साथ एजैंडा लीक करने की बात नहीं की। उन्होंने कहा कि यह उनके सम्मान को हानि पहुंचाने की कोशिश की गई है। इस संबंध में अध्यक्ष को या तो प्रमाण पेश करने होंगे अन्यथा उन्हें माफी मांगनी होगी। 

 

मिनट्स को लेकर खन्ना ने उठाए सवाल
खन्ना ने कहा कि अपैक्स कौंसिल की बैठक में किस नियम के अनुसार बैठक के मिनट्स केवल 19 जून की बैठक में भाग लेने वाले सदस्यों को वितरित किए गए थे। क्या यह सही था। इन मिनट्स को सभी सदस्यों को क्यों वितरित नहीं किया गया। उन्होंने सवाल उठाए कि ये सब किसके निर्देशों पर हुआ। अगला सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि बैठक में भाग लेने वाले सदस्यों को मिनट्स किस तरह से उपलब्ध करवाए गए। ई-मेल या उसकी कापी जारी की गई। इस तरह से खन्ना ने और भी सवाल उठाए हैं, जिसके लिए सी.ई.ओ. से जवाब मांगे हैं। 

 

सी.ई.ओ. पर सवाल
सचिव खन्ना ने सी.ई.ओ. की भूमिका पर सवाल उठाते कहा है कि ये खेद की बात है कि उन्होंने अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों की ओर से उन्हें ई.मेल भेज कर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष को संगठन का प्रमुख होने के नाते आपको इस पद पर नहीं रखना चाहिए था। सी.ई.ओ. को सलाह देते उन्होंने कहा कि आपकी जिस पद पर तैनाती हुई है, वह पंजाब क्रिकेट एसिसिएशन का पद है, न कि किसी व्यक्ति विशेष का। उन्होंने यह भी कहा कि आप जो भी काम करते हैं, आपकी भागीदारी के लिए आप सराहना के योग्य हैं। उन्होंने सी.ई.ओ. की तरफ से उनको भेजे पत्र पर भी सवाल उठाए और उसमें प्रयोग की गई भाषा को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से 'नौटंकी' और 'मूर्खतापूर्ण' जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है, वह असभ्य भाषा में गिना जाता है और यह पी.सी.ए. के सी.ई.ओ. की भाषा नहीं हो सकती।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!