Online Game के नाम पर गरीबों के कंधों का हो रहा इस्तेमाल, हैरान कर देगा मामला

Edited By Vatika,Updated: 22 Aug, 2024 02:05 PM

online game fraud

ऑनलाइन गेम के नाम पर गरीबों के कंधों का इस्तेमाल हो रहा है।

फिल्लौर (भाखड़ी): ऑनलाइन गेम के नाम पर गरीबों के कंधों का इस्तेमाल हो रहा है। बैंक खातों में लाखों रुपए पड़े हैं और खाने को एक समय का घर में आटा भी नसीब नहीं हो रहा। मुख्यमंत्री पंजाब, डी.जी.पी. पंजाब को पत्र लिखकर और पुलिस कमिश्नर जालंधर के पास पेश होकर शिकायत देते हुए हरविंदर कुमार व राजकुमार ने बताया कि कुछ महीने पहले उनकी पहचान जालंधर के रहने वाले जतिंदर कुमार से हुई। उसके पास कोई काम धंधा न होने का फायदा उठाते हुए जतिंदर ने कहा कि उनकी लुधियाना के 2 लोगों से अच्छी पहचान है यह बहुत ज्यादा अमीर लोग है। यह लोग तुम जैसे गरीबों की मदद कर देते हैं। उन्हें काम करने के लिए रिक्शा, ई-रिक्शा या सैकंड हैंड थ्री व्हीलर लेकर देते हैं। बदले में वह उनका खाता बैंक में खुलवा देते हैं उस खाते में वह थोड़ी बहुत रुपयों की एंट्री करवाते हैं कोई काम धंधा न होने के चलते वे उसकी बातोें में आ गए और राज ने उनसे मिलवाने के बाद उनके लुधियाना के 2 बैंकों में खाते खुलवा दिए। उन्होंने यह भी बताया कि केवल उन्हीं दोनों के नहीं बल्कि लुधियाना के रहने वाले 7 और लोगों के भी उनकी मजबूरी का फायदा उठा बैंकों में खाते खुलवाए हैं। जब उन्होंने बैंक में जाकर बात की तो उनके खातों में लाखों रुपए पड़े हैं जो साइबर सैल ने बैंक के पास शिकायत भेज उस रकम को फ्रीज करवा कर रखा है। उनके ऊपर साइबर सैल द्वारा पूरे देश भर से शिकायतें आई हुई है।

बैंक मुलाजिम से सांठ-गांठ कर रोजाना खुल रहे खाते
उन्होंने बताया कि गरीब जरूरतमंद लोग रोजाना उनके झांसे में आकर फंस रहे हैं। कुछ बैंकों के मुलाजिम भी उनके साथ मिले हुए हैं और बैंकों के बड़े अधिकारियों को चकमा देने के लिए इन्होंने लुधियाना में एक दुकान ले रखी है ऐसी कई दुकानें और भी शहरों में पड़ी है। गरीब व्यक्ति को पहले दिन अच्छे कपड़े पहना कर बैंक में ले जाकर बड़ा व्यापारी बताया जाता है जिस काम का उन्हें व्यापारी बताया जाता है, उसी काम का बोर्ड दुकान के ऊपर लगा कर उसे मालिक बनाकर दफ्तर खोल दिया जाता है। उनके आधार कार्ड और अन्य कागजात खाता खोलने वाले फार्म के साथ लगा दिए जाते हैं। उस बैंक मुलाजिम को एक खाता खुलवाने के 15 से 20 हजार रुपए देते हैं। अगर उस खाते को बैंक का बड़ा अधिकारी किसी संदेह के चलते उसमें पड़ी पेमैंट को रोक ले तो इनसे मिला हुआ बैंक अधिकारी अपने बड़े अधिकारी को चकमा देकर बैंक में पड़ी पेमैंट निकलवाने में मदद करता है।

बैंक में खाता खुलते ही उक्त लोग ले जाते हैं चैक बुक और डैबिट कार्ड
शिकायतकर्त्ताओं ने बताया कि उक्त लोग इतने ज्यादा शातिर होते हैं बैंक में खाता खुलवाने समय ही वह अपने पास से उन्हें एक 2 नंबर का मोबाइल फोन नंबर देते हैं जो उन जैसे किसी और गरीब व्यक्ति के नाम पर इन्होंने जारी करवाया होता है। जैसे ही बैंक में उनके प्रमाण पत्र के साथ खाता खुल जाता है यह लोग बैंक से मिलने वाली चैक बुक और डैबिट कार्ड अपने पास रख लेते हैं।

खुद की ऐप तैयार कर लोगों से लुटते हैं करोड़ों रुपए
देशवासियों को याद होगा लोकसभा चुनावों के दौरान महादेव एप का जिक्र देश की खुफिया एजैंसियों ने किया था। यह एप भी ऑनलाइन गेम और हवाला का कारोबार करती थी। जानकारी के अनुसार यह लोग शिकायतकर्त्ता जैसे गरीब लोगों के रोजाना बैंकों में 50 से 100 खाते खुलवाते हैं फिर मात्र 25 हजार रुपए लेकर इन्हें खुद की ऑनलाइन गेम खेलने वाली एप तैयार कर धोखाधड़ी करते हैं।

सरगना दुबई में बैठ कर चलाते हैं गौरखधंधा
भारत में खरीदे गए गरीब लोगों के पहचान पत्र देकर सिम कार्ड को ये लोग इंटरनैशनल करवा कर दुबई ले जाते हैं। वहीं से यह पुलिस से बचने के लिए ऑनलाइन गेम का गोरखधंधा चलाते हैं। भारत की पुलिस के पास कोई सबूत न रहे और पकड़े न जाए इसके लिए यह दुबई का सरवर यूज करते हैं जिससे इनकी लोकेशन भी दुबई की ही आती है।

2 बैंक मैनेजरों ने बताया कि उनकी शाखाओं में खुले हैं 50 से ज्यादा ऐसे खाते
आज जब शहीद भगत सिंह नगर और पक्खोवाल रोड पर स्थित सरकारी बैंकों के मैनेजरों ने बताया कि उनकी 2 शाखाओं में 50 से ज्यादा इस तरह के अवैध खाते खुले हुए हैं। उन्होंने बताया कि बैंकों में खाते खुलवाने के लिए छोटे मेलों का आयोजन किया था उन्हें नहीं पता था कि इस बात का फायदा उठा कर ये लोग इस तरह के अवैध खाते खुलवा जाएंगे। उन्होंने इस बात से भी इंकार नहीं किया कि इसमें उनके किसी बैंक मुलाजिम की मिली भगत नहीं हो सकती।

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