स्कूलों में 12वीं तक के बच्चों के लिए लागू होगा नया Report Card, जानें क्या है खास तैयारी

Edited By Vatika,Updated: 15 Jul, 2024 08:52 AM

new report card will be applicable for children up to 12th standard in schools

अब सिर्फ नंबर और ग्रेड के आधार पर रिपोर्ट कार्ड तैयार नहीं होंगे।

चंडीगढ़: कक्षा एक से 12 तक के बच्चों के रिपोर्ट कार्ड जल्दी ही पूरी तरह से नए रंग रूप में दिखेंगे। नैशनल काऊंसिल फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने इसकी पूरी तैयारी की ली है। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के लिए एन.सी.ई.आर.टी. के एक विभाग परख द्वारा नया माडल हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड जारी किया गया है। अब सिर्फ नंबर और ग्रेड के आधार पर रिपोर्ट कार्ड तैयार नहीं होंगे। इस समग्र प्रगति कार्ड का फोकस अब नंबरों की बजाए समग्न विकास पर होगा। इस बदलाव के तहत अब रिपोर्ट कार्ड में बच्चे, शिक्षक, अभिभावक और इसके साथ पढ़ाई करने वाले बच्चों के फीडबैक भी रिपोर्ट कार्ड में शामिल किए जाएंगे। सबसे पहले बदलाव कक्षा 9वीं से 12वीं के बच्चों के लिए करने की तैयारी है। नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन की सलाह पर यह नया समग्र रिपोर्ट कार्ड तैयार किया गया है। हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड का फोकस इस बात पर रहेगा कि पूरे साल में बच्चों ने आखिर क्या और कितना सीखा। 

समग्र प्रगति कार्ड में कई खंड शामिल
समग प्रगति कार्ड में कई खंड शामिल हैं, जैसे समय प्रबंधन, पैसा प्रबंधन, स्कूल के बाद की योजना और अन्य जीवन कौशल जैसे मापदंडों पर खुद का मूल्यांकन। स्कूल के बाद की योजनाएं खंड में बच्चों को अपने जीवन के अगले बड़े कदम के बारे में सोचने बात करने की जरूरत होगी।

अभिभावक, दोस्त और शिक्षक की भी रिपोर्ट कार्ड में दिखेगी झलक
बच्चों को अपने अभिभावक, शिक्षकों और साथियों के साथ चर्चा करने और अपनी सामर्थ्य या क्षमताओं का विवरण देने वाले एक खंड को भरना होगा। यह उन्हें स्कूल के बाद की योजनाओं को साकार करने में मदद करेगा। इससे उन्हें संभावित चुनौतियों और इन योजनाओं को प्राप्त करने के लिए आवश्यक सुधारों की भी पहचान करने में मदद मिलेगी।

शिक्षकों को दी जाएगी ट्रेनिंग
नए रिपोर्ट कार्ड का उपयोग मौजूदा 2024-25 शैक्षणिक सत्र में नहीं किया जाएगा। इस के बजाए इस सैशन में शिक्षकों को इसको लेकर ट्रेनिंग दी जाएगी। विभाग के पास एन.सी.ई.आर.टी. के इस समग विकास रिपोर्ट कार्ड को लागू करने या इसमें कुछ बदलाव करने की छूट होगी। जम्मू और कश्मीर, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा और हिमाचाल प्रदेश सहित कई राज्यों ने 2024-25 शैक्षणिक सत्र से कक्षा 8वीं तक के बच्चों के लिए एच.पी.सी. लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। 

भावी कदम और कौशल पर भी नजर 
इसमें बच्चों की उपलब्धियों की रूपरेखा तैयार करने के लिए उनके कदमों और कौशल को ट्रैक करने का भी प्रावधान है। इसमें उन्होंने प्रवेश परीक्षा, कालेज आवेदन और नौकरी के अवसरों के बारे में जानकारी देना होगा। शैक्षाणिक कौशल जैसे स्वतंत्र कार्य अनुसंधान में संलगन होना, जीवन कौशल जैसे पैसे और बजट का मूल्य समझाना तथा स्वयं और दूसरों का तनाव प्रबंधन करना भी शामिल है।

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