करतारपुर कोरीडोर: इंटीग्रेटिड चैक पोस्ट का निर्माण कार्य पिछड़ा

Edited By Vatika,Updated: 16 Oct, 2019 09:23 AM

kartarpur corridor

भारत-पाकिस्तान सीमा पर जिला गुरदासपुर में बनाए जा रहे करतारपुर कोरीडोर के उद्घाटन का समय बेहद नजदीक आने के कारण बेशक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आमद और अन्य कई प्रोग्रामों की रूप-रेखा का ऐलान होना शुरू हो गया है

गुरदासपुर (हरमनप्रीत): भारत-पाकिस्तान सीमा पर जिला गुरदासपुर में बनाए जा रहे करतारपुर कोरीडोर के उद्घाटन का समय बेहद नजदीक आने के कारण बेशक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आमद और अन्य कई प्रोग्रामों की रूप-रेखा का ऐलान होना शुरू हो गया है परंतु इसके बावजूद अभी तक इस कोरीडोर से संबंधित बहुत से कार्य मुकम्मल होने के नजदीक भी नहीं पहुंच सके हैं। गौरतलब है कि कोरीडोर पर बनाई जाने वाली इंटीग्रेटेड चैक पोस्ट का काम अभी तक काफी पिछड़ कर चल रहा है, जिसके समय पर मुकम्मल होने की सम्भावना बहुत मुश्किल लग रही है। 


तेजी से चल रहे केंद्र व राज्य सरकार के प्रोजैक्ट
एकत्रित किए गए विवरणों अनुसार गत वर्ष नवम्बर महीने में इस कोरीडोर के निर्माण संबंधी दोनों देशों द्वारा किए गए ऐलान के तुरंत बाद जब इस कोरीडोर का नींव-पत्थर रखा गया था तो केंद्र सरकार ने जहां कोरीडोर के निर्माण के लिए जमीन एक्वायर करने सहित अन्य जरूरी कार्रवाइयां शुरू कर दी थीं, वहीं पंजाब सरकार ने भी अपने स्तर पर इस कार्य के लिए बड़े ऐलानों की झड़ी लगा दी थी। गुरु नानक देव साहिब की यादें और निशानियां सम्भाले बैठा डेरा बाबा नानक शहर की नुहार बदलने के लिए पंजाब सरकार ने डेरा बाबा नानक डिवैल्पमैंट अथॉरिटी का गठन कर करीब 170 करोड़ के प्रोजैक्ट बनाए थे। इस शहर में करीब 500 मीटर बाजार वाली सड़क को हैरीटेज स्ट्रीट बनाया जा रहा है, जबकि नए बस अड्डों के निर्माण का कार्य भी शुरू किया गया है। इसी तरह लोगों की आमद बढऩे को ध्यान में रखते हुए सेहत-सहूलियतों को बेहतर बनाया जा रहा है और पावरकॉम द्वारा बिजली की निर्विद्दन सप्लाई के लिए भी जरूरी प्रबंध किए गए हैं। 


टैंट सिटी का कार्य 31 तक मुकम्मल करने का दावा
इसके साथ ही शहर में सबसे पुराने सरकारी स्कूल को हैरीटेज साइट बनाने के किए गए ऐलान के अलावा यहां के प्रशासनिक कॉम्पलैक्स की नुहार बदली जा रही है। इसके साथ ही 50 गांवों में सीवरेज के पानी को साफ करने के लिए सीचेवाल मॉडल को लागू करने और 550-550 पौधे लगाने जैसी कई योजनाएं शुरू की गई थीं। करीब 3500 श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए बनाई जा रही टैंट सिटी का कार्य 31 अक्तूबर तक मुकम्मल होने का दावा किया जा रहा है। 


सड़क का कार्य मुकम्मल होने की कगार पर
इनमें से बहुत से प्रोजैक्ट तो मुकम्मल होने की कगार पर हैं और कई प्रोजैक्टों का कार्य उद्घाटन समागम के बाद भी चलता रह सकता है परंतु कोरीडोर से संबंधित करीब 4.60 किलोमीटर सड़क और सरहद पर बनाई जाने वाली इंटीग्रेटेड चैक पोस्ट सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि संगत के पाकिस्तान आने-जाने के लिए इन दोनों की भूमिका सबसे ’यादा है। फिलहाल स्थिति यह है कि कोरीडोर की सड़क का निर्माण तो हो चुका है परंतु चैक पोस्ट का काफी कार्य अभी तक बाकी है। चाहे इस पोस्ट को बनाने के लिए संबंधित कंस्ट्रक्शन कम्पनी द्वारा दिन-रात काम किया जा रहा है और 3 शिफ्टों में करीब 2,000 वर्कर काम कर रहे हैं, लेकिन इसके मुकम्मल होने में देरी होने का सबसे बड़ा कारण अपेक्षित जगह एक्वायर करने में हुई देरी को माना जा रहा है क्योंकि किसानों से जमीन के रेट को लेकर शुरू हुए विवाद ने काफी समय बर्बाद किया था। इसके साथ ही बाद में कुछ दिन रेत-बजरी न मिलने के कारण भी काम प्रभावित हुआ था। इस कारण अब जब कोरीडोर के उद्घाटन के लिए एक महीने से भी कम समय रह गया है तो इसका आधा काम भी मुकम्मल नहीं हो सका है। 

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