पैराशूट उम्मीदवारों को जालंधर की जनता का 'नो'

Edited By Sunita sarangal,Updated: 14 May, 2023 11:28 AM

jalandhar byelection

जालंधर के उपचुनाव में बेशक सुशील रिंकू कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में गए थे.....

जालंधर(पाहवा) : जालंधर के लोकसभा उपचुनाव में एक बात साफ हो गई है कि जालंधर के लोग पैराशूट से सीधे लैंड करने वाले लोगों को पसंद नहीं करते। ऐसे लोगों के लिए जालंधर के लोगों की तरफ से साफ 'नो' है। 

जालंधर के उपचुनाव में बेशक सुशील रिंकू कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में गए थे, लेकिन वह जालंधर से ही संबंधित हैं। जहां तक बात कांग्रेस की ही है तो करमजीत कौर भी जालंधर से संबंध रखती है, लेकिन इस मामले में भाजपा तथा शिरोमणि अकाली दल-बसपा ने बड़ी गलती कर दी। दोनों दलों ने अपने होनहार वर्करों के होते हुए भी जालंधर सीट पर पैराशूट से अपने-अपने उम्मीदवार उतारे। भाजपा के उम्मीदवार इंद्र इकबाल सिंह अटवाल लुधियाना से संबंधित हैं, तो वहीं अकाली दल-बसपा के सुखविंद्र सिंह सुक्खी बंगा से संबंधित हैं। यह बात शायद जालंधर के लोगों और खुद इन राजनीतिक दलों के वर्करों को रास नहीं आया। 

वैसे यह भी खबर सामने आ रही है कि भाजपा ने 2024 के लिए पंजाब को देखते हुए एक बड़ा प्लान बना रखा है, जिसमें सभी 13 सीटों पर बाहर से उम्मीदवार उतारने की योजना है। अटवाल को टिकट देकर पार्टी ने सिर्फ एक ट्रायल किया है। वैसे भाजपा यह भी चर्चा कर रही है कि उसे 2022 में विधानसभा चुनावों में करीब 6 प्रतिशत वोट मिला था और संगरूर चुनावों में वह 10 प्रतिशत वोट लेने में सफल रही थी, जबकि जालंधर के चुनावों में पार्टी यह आंकड़ा 15 प्रतिशत तक ले गई। पार्टी के नेता यह सोच रहे हैं कि अगर 6 से 15 प्रतिशत तक पहुंच गए तो 30 से 35 प्रतिशत तक पहुंचने में भी देर नहीं लगेगी।
 

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